किसानो की फसल की सुरक्षा के लिए पीएम फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक कारणों से नुकसान का मुआवजा दिया जा रहा है। इसमें बेमौसम बारिश ओला वृष्टि , तूफान आंधी से हुए फसल नुकसान का मुआवजा शामिल है।
इस कड़ी में पिछले दिनों मध्य प्रदेश में हुयी बेमौसम और ओलावृष्टि से कई जिलों में किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों की खातिर खेतों में फसल को ही नुकसान का सर्वे करने की आदेश अधिकारियों को दिए हैं। बताया जा रहा है कि जिन किसानों की फसलों को बारिश ओला वृष्टि से प्रभावित नुकसान हुआ है उन्हें 32000 प्रति हैक्टेयर के हिसाब से मुआवजा राशि दी जाएगी।
राज्य में कई जिलों फसलों का भारी नुकसान हुआ है
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक , राज्य में कई जिलों फसलों का भारी नुकसान हुआ है। इससे किसान परेशान है। इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से सर्वे कराया जा रहा है। फसल नुकशान की रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही है। इस संबंध में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा की ,फसल में 50% से अधिक नुकसान होने पर ₹20000 प्रति हैक्टेयर की दर से राहत राशि दिए जाने की प्रावधान दिया गया है। वह शाजापुर जिले के मोहम्मद पुर -बापचा गांव में ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों का निरीक्षण कर रहे थे।
वर्मा के मुताबिक ,ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे करने के लिए अधिकारियों का निर्देश दिए है। सर्वे के बाद ,किसानों को राहत राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि ,ओला वृष्टि से गेहूं ,चना ,मसूर ,धनिया और प्याज आदि की फसल को नुकसान पहुंचा है। फसलों के नुकसान के आधार पर राहत राशि प्रदान की जाएगी। बता दे की सूबे के कुछ क्षेत्रों में 26 फरवरी को भी बे -मौसम बारिश और अलावृष्टि हुई थी जिससे फसलों का नुकसान हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को फसल नुकसान का सर्वे सर्वेदनशीलता के साथ करने के लिए निर्देश दिए जिससे किसानों को भी परेशानी ना हो।
योजना के तहत मौसम से हुए नुकसान पर मुआवजा दिया जाता है
पश्चिमी विक्षोभ से बिगड़े मौसम के कारण हुई बे मौसमी बारिश के कारण 26 व 27 फरवरी को जबलपुर ,शहडोल ,ग्वालियर एवं नर्मदापुरम संभाग के कुछ लोगों को फसल नुकसान हुआ है। सागर , दमोह ,खंडवा ,इंदौर ,टीकमगढ़ ,निवाड़ी ,छतरपुर , सतना ,बड़वानी पन्ना , भोपाल ,विदिशा ,रायसेन ,खरगोन सिंगरौली एवं सीधी जिलों में बे मौसम बारिशऔर ओला वृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। राजस्व मंत्री ने वर्मा ने बताया कि ,इससे पहले 11 से 14 फरवरी 2024 के बीच राज्य के कई क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि हुई थी। 8 जिलों में सर्वे के बाद ,25 तहसीलों की 196 गांव में 17 करोड़ 81 लाख रुपए की राशि वितरित की करने की प्रक्रिया चल रही है।
इससे 16481 किसानों को राहत मिलेगी। इस बार भी किसानों को सर्वे के बाद जल्दी ही उन्हें फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। सरकार की ओर से चलाई जा रही पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसलों नुकशान की भरपाई की जाती है। योजना के तहत मौसम से हुए नुकसान पर मुआवजा दिया जाता है। यह मुआवजा राशि किसानों को 33% या इससे अधिक वर्षों के नुकसान पर दिया जाता है।
किसानों का फसल नुकसान की सूचना कृषि विभाग की ओर से बीमा कंपनी को 72 घंटे के अंदर देनी होती है
किसानों का फसल नुकसान की सूचना कृषि विभाग की ओर से बीमा कंपनी को 72 घंटे के अंदर देनी होती है। फसल नुकसान की सूचना पर कृषि विभाग की ओर से बीमा कंपनी के अधिकारी फसल नुकसान का सर्वे करते हैं और इसके बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाती है।
इसके बाद बीमा कंपनी फसल में हुए नुकसान के हिसाब से मुआवजा राशि प्रभावित किसानों को देती है।
हर राज्य में अलग-अलग बीमा कंपनियां कार्यरत है जो किसानों को बीमा करती है। ऐसे में किसानों को फसल नुकसान की सूचना उस बीमा कंपनी को देनी चाहिए जिससे उन्हें बीमा करवाया है। बीमा कंपनी का टोल फ्री नंबर भी आपको बीमा कंपनी द्वारा दी गई पॉलिसी में मिल जाएगा। आप इस नंबर पर बीमा कंपनी को सूचनादे सकते हैं।