किसानो की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किया जा रहे हैं। नई-नई योजनाओं के माध्यम से किसानों के लाभ पहुंचाया जा रहा है। पीएम किसान योजना के तहत पीएम किसान सम्मान निधि दी जा रही है । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल सुरक्षा कवच प्रदान किया जा रहा है इसी कड़ी में एक और पहल करते हुए सरकार ने किसानों को अपनी फसल का दाम बेहतर मिल सके । सके लिए नई योजना शुरू की है।
इसके तहत किसानों अपनी फसल या उपज को गोदाम में सुरक्षित रखकर उसे पर लोन ले सकते हैं और बाजार में फसल का भाव अधिक होने पर उसे बेचकर लोन चुकाने के साथ ही बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना को सरकार ने ‘ई-किसान उपज निधि योजना’ नीति योजना का नाम दिया है। सरकार का मानना है कि यह योजना किसानों की आय को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी। योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को उपज के बाजार भाव कम होने की दिशा में होने वाले नुकसान से बचाना है।
क्या है इ -किसान उपज नीति योजना
किसानों का उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से इ किसान निधि थी योजना शुरू की गई है इस योजना के तहत किसान अपनी उपज को गोद में रखकर कम ब्याज दरों पर लोन प्राप्त कर सकेंगे वहीं उपज का उचित मूल्य मिलने पर लोन की रकम को चुका सकेंगे।
हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण वाणिज्यिक और उद्योग तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी के एक किसान अप राजनीति का शुभारंभ किया है केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री के मुताबिक एक किसानो की ‘इ किसान उपज नीति ‘योजना की पहल के साथ प्रोधोगिकी सहायता से किसानों के लिए भंडारण व्यवस्था सुगम हो जाएगी और किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
पंजीकृत गोदाम पर सुरक्षा जमा शुल्क जल्द ही कम किया जाएगा
इ -किसान उपज निधि योजना के तहत ,किसानों के बिना कुछ गिरवी रखना लोन प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत उन्हें 7% की दर से ब्याज पर लोन दिया जाएगा। यह ऋण अल्पकालीन होग। किसान को यह ऋण अल्पकालीन समय के लिए दिया जाएगा। यह ऋण छह माह की अवधि का होगा। किसानों को लोन तब ही दिया जाएगा।
जब डब्ल्यूडीआरए पंजीकृत गोदाम में अपनी उपज रखेंगे। इसके लिए किसानों को एक प्रतिशत की दृष्टि सुरक्षा शुल्क लिया जाएगा। इस संबंध में मंत्री उसके लिए घोषणा किया कि अधिकांश किसानों विशेष करके छोटे किसानों को गोदाम का उपयोग करने की और उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डब्ल्यूडीआरए पंजीकृत गोदाम पर सुरक्षा जमा शुल्क जल्द ही कम किया जाएगा।
केवल एक प्रतिशत सुरक्षा राशि के भुगतान पर किसानों को अनाज भंडारण की सुविधा उपलब्ध होगी
उन्होंने कहा कि इनको दामों में किसानों को पहले अपनी उपज का भंडारण करने के लिए 3% की दर से सुरक्षा राशि का भुगतान करना पड़ता था। लेकिन अब केवल एक प्रतिशत सुरक्षा राशि के भुगतान पर किसानों को अनाज भंडारण की सुविधा उपलब्ध होगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने इ -किसान उपज निधि प्लेटफार्म के बारे में जानकारी देते हुए बताया जिससे किसान आसानी से किसी भी पंजीकृत डब्ल्यूडीआरए गोदाम में 6 महीने की अवधि के लिए 7% प्रतिवर्ष ब्याज पर लोन लेकर भंडारण कर सकेंगे उन्होंने बताया कि इस पोर्टल पर एक लाख गोदाम को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा है पिछले साल 1500 को धाम पंजीकृत किए गए थे।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार ,डब्ल्यूडीआर गोदामों के अंतर्गत गोदाम का अच्छी तरह से निगरानी की जाती है। इसकी स्थिति बहुत अच्छी होती है और यह बुनियादी ढांचे से सुसज्जित होते हैं जो कृषि उपज को अच्छी हाल में रखते हैं जिससे उपज लंबे समय तक खराब नहीं होती है। भारतीय खाद्य निगम द्वारा उपयोग किए जाने वाले गोदाम के अनिवार्य एवं पंजीकरण राज्य की गोदाम से संबंधित बुनियादी राज्य को पूरी तरह से तैयार रखने के लिए एक रोड मेप तैयार किया जाएगा।
इ – किसान नीति योजना में किसानों का सबसे बड़ा लाभ यही होगा कि उन्हें संकट के समय अपनी उपज को कम भाव पर बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। इससे उनकी उपज की कम कीमत पर होने वाली बिक्री पर रोक लगेगी। ई-किसान उपज निधि और टेक्नोलॉजी की सहायता से उनकी उपज भंडारण की व्यवस्था भी आसान हो जाएगी। इसी किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करनेमें सहायता मिलेगी।