सरकार के किसानों के साथ ही देश की बेटियों के लिए भी कोई लाभकारी योजना चला रखी है। इनमें से एक सुकन्या समृद्धि योजना जो काफी लोकप्रिय है। इस योजना के तहत बेटी के नाम से लंबे समय के लिए पैसा निवेश किया जाता है इसका लाभ बेटी की उच्च पढ़ाई या उसकी शादी में लिया जा सकता है। इस योजना की सहायता से बेटी की भविष्य के लिए बड़ी धनराशि को इकट्ठा किया जा सकता है।
बदले हुए नियमों की जानकारी होना जरूरी है
हाल ही सरकार ने इस नियमों में कुछ बदलाव किया योजना के बदले नियम के 1 अक्टूबर से लागू होंगे। ऐसे में जिन बच्चियों का खाता इस योजना के तहत खुला हुआ है, उनके अभिभावकों को इसके बदले हुए नियमों की जानकारी होना जरूरी है।
नियमो में हुआ ये बदलाव
सुकन्या योजना के लिए बच्ची के नाम पर किसी ऐसे व्यक्ति ने खाता खुलवाया है जो कानून रूप से उसका अभिभावक नहीं है या नेचुरल पेरेंट्स नहीं है तो तो उसे वह अकाउंट बच्ची के कानूनी अभिभावक या पेरेंट्स को ट्रांसफर करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता है खाते को बंद भी किया जा सकता है यानी बच्चों के दादा दादी नाना नै पर भी लागु होगा जो बच्चों के कानून रूप से अभिभावक नहीं है।
सुकन्या योजना के तहत अब कोई भी व्यक्ति जैसे- चाचा-चाची, दादा-दादी या अन्य रिश्तेदार बच्ची के अभिभावक बनकर बच्ची के नाम से खाता खुलवा लिया करते थे और जो बच्ची बालिग होने के बाद यानि की 18 साल की हो जाती है तब यह खाता उसके नाम कर दिया जाता था। लेकिन ऐसा नहीं होगा। अब न केवल वास्तविक माता-पिता या कानूनी अभिभावक ही बच्ची के नाम से खाता खुला सकेंगे।
कैसे किया जा सकता है खाते को ट्रांसफर
सुकन्या योजना में खाते को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया काफी सरल है। सबसे पहले ऑफिस में ब्रांच या पोस्ट ऑफिस में सुकन्या खाता है वहां जाना होगा। वहां से खाता ट्रांसफर वाला फॉर्म मिलेगा उनसे पूछे गए सभी जानकारियां बनी होगी। इसके बाद फार्म के साथ आवश्यक दस्तावेजों ने समृद्धि खाता ,बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र ,बच्चों के साथ खाता खुलवाने वाले रिश्ते का जिसमें जन्म प्रमाण-पत्र या कोई अन्य प्रमाण। वास्तविक अभिभावक अथवा क़ानूनी अभिभावक का सरकार की ओर से जारी किया गया इसके बाद फॉर्म को जहां से अपने फार्म लिया है वही जमा करा देना है । इस फॉर्म उस व्यक्ति के साइन अभी तक खाते की देखरेख करें और साथ ही नए अभिभावक की साइन भी होगी। ट्रांसफर फॉर्म जमा होने के बाद बैंक या पोस्ट ऑफिस के अधिकारी के फॉर्म में दी गई जानकारी और फॉर्म के साथ अटैच दस्तावेजों को जांच करेंगे।फॉर्म रिव्यू और वेरिफाई के बाद खाता बच्ची के वास्तविक अभिभावक या कानूनी अभिभाक के नाम ट्रांसफर कर दिया जाएगा।