उत्तर प्रदेश राज्य के कार्यालय सरकारी कर्मचारियों की यदि कोई वरिष्ठ नहीं है तो कोर्ट द्वारा तय की गयी उत्तराधिकारी को उनकी ग्रेच्युटी पाने का अधिकार होगा सोमवार को कैबिनेट बैठक आयोजित की गई थी। इसमें अहम प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी। उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट वर्ष 1961 के अनुसार ,पहले यह नियम था अगर किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए रिटायरमेंट के बाद ग्रेविटी की धनराशि प्राप्त किये बिना हो जाती है उनका कोई वरिष्ठ या उत्तराधिकारी ना ही उन्होंने कोई नॉमिनी बनाया है तो उसे दी जाने वाली ग्रेच्युटी की राशि सरकारी खरीदी जाने में चली जाती थी। लेकिन अब नियम बड़ा बदलाव कर दिया गया है चली जानते हैं कि नया नियम लागू किया है यहां विस्तार से।
कैबिनेट बैठक मे लिया गया बड़ा फैसला
सोमवार को कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे के ऊपर मोहर लगाई गई है यदि किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हैं सेवानिवृत्ति के बाद ग्रेच्युटी की धनराशि प्राप्त किए बिना हो जाती है और उसने अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ा है ना ही कोई नॉमिनी किया है तो तो ग्रेच्युटी की राशि का भुगतान किसी व्यक्ति को जिसके पक्ष में ग्रेच्युटी हेतु उत्तराधिकार प्रमाण पत्र किसी सक्षम न्यायालय द्वारा निर्गत किया गया हो ! उसको ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाएगा।
द उत्तर प्रदेश रिटायमेण्ट बेनिफिट्स रूल्स
उत्तर प्रदेश राज्य ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा है कि दिनांक 29 मार्च, 1962 द्वारा ‘द उत्तर प्रदेश रिटायमेण्ट बेनिफिट्स रूल्स, 1961’ के नियम-6 के उप नियम-10 एवं शासनादेश दिनांक 28 जुलाई, 1989 में कर्मचारियो के ग्रेच्युटी के भुगतान के सम्बन्ध में प्रावधान है ! कि यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए अथवा सेवा निवृतिके उपरांत ग्रेच्युटी की धनराशि प्राप्त किए बिना हो जाती है तो उसने अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ा और ना ही कोई नामांकन किया है या उसके देय किया गया नामांकन स्थिति में नहीं हैतो उसे देय मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की धनराशि सरकार के खाते में चली जाती थी।
केंद्र सरकार के नियम का दिया हवाला
केन्द्र सरकार के कार्यालय-ज्ञाप संख्या-28/91/2022-पी० एण्ड पी० डब्ल्यू० (बी)/8331 दिनांक 11 अक्टूबर, 2022, जो सेण्ट्रल सिविल सर्विसेज, पेंशन रूल्स, 2021 के अधीन ग्रेच्युटी भुगतान हेतु नामांकन के सम्बन्ध में है ! के प्रस्तर-4 में ऐसे किसी व्यक्ति को जिसके पक्ष में ग्रेच्युटी हेतु उत्तराधिकार प्रमाण पत्र किसी सक्षम न्यायालय द्वारा निर्गत किया गया है ! को ग्रेच्युटी का भुगतान अनुमन्य किया गया है !
नियम में किया गया संशोधन
केंद्र सरकार के निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है ! कि यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए अथवा सेवानिवृत्ति के उपरान्त ग्रेच्युटी की धनराशि प्राप्त किए बिना हो जाती है ! और उसने अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ा है !
और न ही कोई नामांकन किया है तो, सेवानिवृत्ति उपदान (ग्रेचुइटी) या मृत्यु उपदान (Death ग्रेचुइटी) की धनराशि का भुगतान उस व्यक्ति को किया जा सकता है। जिसके पक्ष में किसी न्यायालय द्वारा प्रश्नगत उपदान के सम्बन्ध में, एक उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया हो ।