Frozen Embryo :  ये है दुनिया का सबसे पुराना भ्रूण, 30 साल बाद इस बच्चे ने लिया जन्म

Saroj kanwar
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Frozen Embryo : मेडिकल साइंस हर रोज कोई न कोई नया करिश्मा करती है. आप लोगों ने देखा होगा कि एक भ्रूण बच्चा बनने में पूरे 9 महीने लगाता है. लेकिन आज हम आपको एक बच्चे के बारे में बता रहे है, जिसने पैदा होने के लिए पूरे 30 साल लगे है.

आज बात कर रहे है जो दुनिया का सबसे पुराने भ्रूण की. साल 1994 में  थाडियस की मां लिंडसे पियर्स और उनके पति टिम पियर्स  ने  एक भ्रूण को गोद लिया था. 1994 में IVF तकनीक से चार भ्रूण बनवाए थे उन्हीं में से यह एक भ्रूण था.

इस भ्रूण की असली माता लिंडा आर्चर्ड है. उस समय एक भ्रूण को उनके गर्भ में रखा गया जिससे एक स्वस्थ बच्ची का जन्म हुआ. आज वो बच्ची 30 साल की हो चुकी है.  बाकी तीन भ्रूणों को क्रायोप्रिजर्व करके फ्रीज में रखा गया था.

लिंडा आर्चर्ड ने बताया कि ये भ्रूण वे अपने किसी जान-पहचान वाले परिवार को देगी. उन्होंने एम्ब्रायो अडॉप्शन के बारे में जाना जो अमेरिका में विशेष धार्मिक संस्थानों द्वारा संचालित एक प्रक्रिया है. कई संस्थानों ने इतने पुराने भ्रूण को स्वीकार करने से मना कर दिया.

लेकिन स्नोफ्लेक्स प्रोग्राम नामक की एक एजेंसी ने इस भ्रूण को स्वीकार किया. उसके बाद 2022 में लिंडा ने अपने पुराने डॉक्टर्स से मेडिकल रिकॉर्ड लिए और यह भ्रूण लिंडसे और टिम को सौंपा दिया. जिससे थाडियस का जन्म हुआ.

इस बच्चे को 30 साल तक फ्रिज रखा गया था. ये भ्रूण दुनिया का सबसे पुराना भ्रूण बना.  इस भ्रूण का जन्म 26 जुलाई को हुआ, जिसका नाम  थाडियस डेनियल पियर्स है. ये दनिया का सबसे पुराना संरक्षित भ्रूण है जिससे एक जीवित बच्चे का जन्म हुआ. 

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