Free Coaching Scheme: हरियाणा में गरीब और श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिए राज्य सरकार ने एक राहत भरी और महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है. इस योजना के तहत अब मजदूर और श्रमिक वर्ग के बच्चे भी मेडिकल, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, UPSC, HPSC जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर अच्छे पदों पर नौकरी पा सकते हैं.
श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा में नई रोशनी
हरियाणा सरकार द्वारा संचालित इस योजना का उद्देश्य गरीब और श्रमिक वर्ग के बच्चों को वह मौका देना है, जो आर्थिक रूप से सक्षम वर्ग को मिलता है. अब राज्य के हजारों युवा फ्री कोचिंग और आर्थिक सहायता के माध्यम से प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे.
कब हुई थी योजना की शुरुआत?
हरियाणा लेबर वेलफेयर बोर्ड ने इस योजना की शुरुआत 15 जनवरी 2019 को की थी. इसके तहत लक्ष्य रखा गया कि श्रमिकों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बराबरी का अवसर मिले. योजना के अंतर्गत मेडिकल, इंजीनियरिंग, UPSC, HPSC, MCA जैसे कोर्स और परीक्षाओं की तैयारी को आर्थिक सहायता से जोड़ा गया है.
प्रमुख लाभ – कितनी राशि और किन परीक्षाओं के लिए?
योजना में निम्नलिखित दो श्रेणियों के तहत मदद दी जाती है:
प्रोफेशनल कोर्स (NEET, JEE, MCA आदि) की कोचिंग के लिए:
₹20,000 या कोचिंग फीस का 75% (जो भी कम हो)
UPSC/HPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वालों के लिए मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु:
₹1,00,000 तक की वित्तीय सहायता
इस सहायता से महंगे कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करना अब संभव हो सकेगा.
योजना की पात्रता शर्तें
आवेदक हरियाणा के किसी औद्योगिक या वाणिज्यिक संस्थान में कार्यरत हो.
उसका कम से कम एक वर्ष से हरियाणा लेबर वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण होना चाहिए.
मासिक आय ₹25,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए.
कम से कम एक वर्ष का कार्य अनुभव अनिवार्य है.
बच्चों को पिछले बोर्ड परीक्षा में न्यूनतम 60% अंक प्राप्त होने चाहिए.
यह लाभ अधिकतम तीन बेटियों या दो बेटों को दिया जा सकता है.
यदि आवेदक स्वरोजगार में है, तो उसे यह योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
यदि बच्चा पहले से स्कॉलरशिप ले रहा है, तो भी कोचिंग सहायता योजना का लाभ ले सकता है.
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है. आवेदक निम्न पोर्टलों पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं:
हरियाणा लेबर वेलफेयर बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट
सरल हरियाणा पोर्टल (Saral Haryana Portal)
उम्मीदवारों को अपने दस्तावेज जैसे आय प्रमाण पत्र, पंजीकरण प्रमाण पत्र, पिछले परीक्षा के मार्कशीट आदि अपलोड करने होंगे.
योजना का उद्देश्य और सामाजिक असर
इस योजना का लक्ष्य है कि हर वर्ग के छात्र उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की दौड़ में बराबरी से भाग ले सकें. इससे न केवल गरीब छात्रों को आत्मनिर्भरता मिलेगी, बल्कि राज्य की सामाजिक समरसता और प्रतिभा की पहचान भी मजबूत होगी. योजना के माध्यम से अब कोई भी आर्थिक कमजोरी के कारण पीछे नहीं रहेगा.
भविष्य की पीढ़ियों के लिए नई उम्मीद
हरियाणा सरकार की यह योजना देश के अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन सकती है. यदि यह योजना सही रूप से लागू होती रही, तो आने वाले वर्षों में सैकड़ों-हजारों छात्र उच्च पदों पर कार्यरत नजर आएंगे. योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने वाला प्लेटफॉर्म बन चुकी है.