Flex Fuel Vehicles :भारत में बांस, गोबर और कचरे से चलेंगी गाड़ियां, फ्यूल क्रांति को लेकर नितिन गड़करी का बड़ा ऐलान

Saroj kanwar
4 Min Read

Flex Fuel Vehicles: भारत हर साल लगभग 22 लाख करोड़ रुपये कच्चे तेल के आयात पर खर्च करता है, जो देश की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा दोनों के लिए चुनौती बन चुका है. इस परिदृश्य को बदलने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक सुधारात्मक अभियान शुरू किया है, जिसका लक्ष्य है भारत को ऊर्जा आयातक से ऊर्जा निर्यातक बनाना.

सरकार का बड़ा विजन


गडकरी ने हाल ही में बताया कि सरकार की रणनीति चार प्रमुख वैकल्पिक ईंधनों पर केंद्रित है: ग्रीन हाइड्रोजन, इथेनॉल और फ्लेक्स-फ्यूल, बायोगैस (CBG), और इसोब्यूटेनॉल डीजल मिक्स फ्यूल. इन विकल्पों पर तेजी से काम हो रहा है ताकि भारत का तेल आयात पर खर्च कम हो और स्थायी ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा मिले.

हाइड्रोजन ट्रकों पर हो रहा है देशव्यापी ट्रायल


भारत में अब तक का सबसे बड़ा प्रयोग हाइड्रोजन फ्यूल आधारित ट्रकों का है. 500 करोड़ रुपये की लागत से 27 ट्रकों का ट्रायल शुरू किया गया है, जो देश के प्रमुख हाईवे रूट्स—दिल्ली-आगरा, मुंबई-पुणे, जामनगर-वडोदरा, भुवनेश्वर-पुरी और विशाखापट्टनम-विजयवाड़ा—पर संचालित हो रहे हैं. इनमें H2-ICE (Hydrogen Internal Combustion Engine) और फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी दोनों का उपयोग हो रहा है.


हाइड्रोजन ईंधन की दिशा में निर्णायक कदम


गडकरी का मानना है कि ग्रीन हाइड्रोजन, जो सोलर या पवन ऊर्जा से उत्पादित होता है, भारत की ऊर्जा सुरक्षा का भविष्य है. हालांकि, इसकी कीमत को आम लोगों के लिए सुलभ और किफायती बनाना बड़ी चुनौती है. उन्होंने स्टार्टअप्स, वैज्ञानिकों और उद्योगपतियों से अपील की है कि वे कचरे, बांस और ऑर्गेनिक वेस्ट से हाइड्रोजन बनाने के उपाय विकसित करें.

इथेनॉल और बायोगैस को भी मिल रहा है बढ़ावा


सरकार ने देशभर में 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री शुरू कर दी है. साथ ही, फ्लेक्स-फ्यूल हाइब्रिड गाड़ियाँ, जैसे टोयोटा इनोवा हायक्रॉस, आने वाले समय में आम हो जाएंगी. ग्रामीण क्षेत्रों में कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) संयंत्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों की आय भी बढ़ेगी और स्थानीय ईंधन उत्पादन में तेजी आएगी.

इसोब्यूटेनॉल मिक्स


सरकार अब इसोब्यूटेनॉल डीजल मिक्स फ्यूल पर भी काम कर रही है. इस विकल्प को प्रयोगात्मक रूप से कुछ रूट्स पर लागू किया गया है. इससे ना केवल डीजल पर निर्भरता कम होगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आएगी.


भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की नई दिशा


आज भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है. गडकरी का लक्ष्य है कि भारत अगले 5 वर्षों में इस क्षेत्र में नंबर वन बन जाए. इसके लिए ऑटो कंपनियां इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन, इथेनॉल और हाइब्रिड वाहनों पर तेजी से निवेश कर रही हैं.

स्वदेशी फ्यूल से आत्मनिर्भरता की ओर भारत


गडकरी का ये मिशन न केवल ईंधन आयात को कम करने, बल्कि देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. उनका मानना है कि जिस दिन भारत हाइड्रोजन, इथेनॉल, बायोगैस जैसे स्वदेशी स्रोतों से अपनी ऊर्जा ज़रूरतें पूरी करेगा, उस दिन तेल आयात पर खर्च होने वाले अरबों रुपये बचाए जा सकेंगे.

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *