First Railway Station :कैसा दिखता है दुनिया का सबसे पहला रेलवे स्टेशन, 1830 में शुरू हुई थी रेल यात्रा की ऐतिहासिक कहानी

Saroj kanwar
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First Railway Station: वर्तमान में रेलवे आधुनिकता के नए युग में प्रवेश कर चुकी है. तकनीक, स्पीड और सुविधा के मामले में लगातार बदलाव हो रहे हैं. पर क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया का पहला रेलवे स्टेशन कौन-सा था और कहां से शुरू हुई थी रेलवे यात्रा की कहानी?

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि रेलवे के इतिहास की शुरुआत कहां से हुई, दुनिया का पहला रेलवे स्टेशन किसने बनाया, उसका उद्देश्य क्या था और आज वह किस रूप में मौजूद है.

रेलवे ने बदला दुनिया का ट्रांसपोर्ट सिस्टम


रेलवे ने दुनिया के परिवहन को पूरी तरह से बदल दिया. आज जो सुपरफास्ट और हाई-स्पीड ट्रेनों की बातें होती हैं, उनकी शुरुआत एक साधारण भाप इंजन से हुई थी.
इस पूरी यात्रा की नींव जिस स्टेशन ने रखी, वह है इंग्लैंड का लिवरपूल रोड रेलवे स्टेशन.

दुनिया में कुल कितने रेलवे स्टेशन हैं?


अगर हम बात करें कि दुनिया में कुल कितने रेलवे स्टेशन हैं, तो यह आंकड़ा लगातार बदलता रहता है. हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वर्तमान में दुनिया भर में 40,000 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं.

हर साल इसमें नए स्टेशनों का जुड़ना और पुराने का विलय होता रहता है, लेकिन जो पहला स्टेशन बना, उसकी ऐतिहासिक पहचान आज भी कायम है
इंग्लैंड में है दुनिया का पहला रेलवे स्टेशन
दुनिया का पहला रेलवे स्टेशन इंग्लैंड के मैनचेस्टर शहर में स्थित है, जिसका नाम है – लिवरपूल रोड स्टेशन.

यह स्टेशन लिवरपूल और मैनचेस्टर रेलवे का हिस्सा था, जिसे 15 सितंबर 1830 को जनता के लिए खोला गया था. यह वही समय था जब दुनिया की पहली इंटरसिटी रेलवे सेवा शुरू हुई थी.

क्यों और कैसे बनाया गया यह स्टेशन?


लिवरपूल रोड स्टेशन का निर्माण मुख्य रूप से माल ढुलाई के लिए किया गया था. इसका उद्देश्य था लिवरपूल पोर्ट से मैनचेस्टर तक कपास और औद्योगिक उत्पादों को ट्रांसपोर्ट करना.
बाद में, इसमें पैसेंजर ट्रेनों की भी शुरुआत हुई, जिससे यह स्टेशन एक महत्वपूर्ण यात्री केंद्र बन गया.

रेलवे के जनक ने तैयार किया था इसका डिज़ाइन


इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का डिज़ाइन महान इंजीनियर जॉर्ज स्टीफेंस ने तैयार किया था, जिन्हें रेलवे का जनक भी कहा जाता है.

उन्होंने ही ‘रॉकेट’ नामक प्रसिद्ध भाप इंजन (लोकोमोटिव) का निर्माण किया था, जो इस रेलवे लाइन पर दौड़ा. इस लोकोमोटिव ने रेलवे के विकास की नींव रखी.

1975 में बंद हुआ स्टेशन का परिचालन


लिवरपूल रोड स्टेशन ने कई वर्षों तक यात्री और माल सेवाएं दीं. लेकिन, लगभग 145 वर्षों के संचालन के बाद 1975 में इस स्टेशन को बंद कर दिया गया.
हालांकि, इसका इतिहास और वास्तुकला संरक्षित रखी गई और इसे पूरी तरह से नष्ट नहीं किया गया.


आज म्यूज़ियम के रूप में किया जा रहा है उपयोग


वर्तमान में यह ऐतिहासिक स्टेशन साइंस एंड इंडस्ट्री म्यूज़ियम (Science and Industry Museum) के रूप में कार्य कर रहा है.
लिवरपूल रोड स्टेशन की इमारत को दुनिया की सबसे पुरानी संरक्षित रेलवे इमारतों में से एक माना जाता है. यहां आज भी रेल से जुड़े पुराने मॉडल, इंजन, और तकनीकी उपकरणों को देखा जा सकता है.


स्टेशन नहीं, इतिहास की धड़कन है यह इमारत


लिवरपूल रोड स्टेशन सिर्फ एक रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि यह आधुनिक परिवहन की नींव का गवाह है. यह वह स्थान है जहां से दुनिया की पहली इंटरसिटी पैसेंजर ट्रेन चली थी, जिसने आगे चलकर पूरे विश्व के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बदल डाला.

आज यह इमारत एक जीवित इतिहास संग्रहालय बन चुकी है, जो रेलवे के शुरुआती युग की कहानी बयां करती है

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