उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यातायात को सुगम बनाने के लिए एक बड़ी परियोजना रूप में उभर रहा है। NH-334D हाईवे का फोर लेन बनाया जा रहा है जो अलीगढ़ से पलवल तक का सफर आसान और तेज करेगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य दोनों राज्यों की आर्थिक विकास को गति देना और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करना है।
अलीगढ़ पलवल हाईवे का प्रोजेक्ट
इस हाईवे का प्रोजेक्ट के तहत nh 334 D तक के हिस्से को 4 लेन में विस्तृत किया जा रहा है। यह हाईवे दो महत्वपूर्ण हिस्सों में बांटा गया है। पैकेज वन के अंतर्गत 46.39 किलोमीटर लंबा हिस्सा शामिल है जो पूरी तरह से उत्तर प्रदेश में स्थित है। इसमें इस हिस्से में खैर और जट्टारी बाईपास का निर्माण किया जा रहा है।
पैकेज टर के तहत 22.72 किलोमीटरलम्बा हिस्सा बनाया जायेगा यह कुराना से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे वे तक फैला होगा। यह हिस्सा उत्तर प्रदेश और हरियाणा दोनों राज्यों को जोड़ेगा।
प्रोजेक्ट क्यों है जरूरी
Aligarh-Palwal Highway हाईवे का मुख्य उद्देश्य अलीगढ़ को जेवर एयरपोर्ट दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस से बेहतर तरीके से जोड़ना है। इससे यात्रियों और माल परिवहन के लिए एक आसान और त्वरित माल उपलब्ध होगा। इसके अलावा इस हाईवे माध्यम से अलीगढ़ को एनसीआर हरियाणा से सशक्त कनेक्टिविटी मिलेगी।
इस प्रोजेक्ट के तहत क्षेत्र में यातायात की भीड़ कम होगी और यात्रा भी का समय भी घटेगा खैर और जट्टारी जैसे प्रमुख इलाकों में ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी।
प्रोजेक्ट की विशेषताएं
इस हाईवे का निर्माण का आधुनिक सेवाओं के साथ किया जा रहा है। हाईवे पर बड़े और छोटे पुलों का निर्माण किया जाएगा ताकि मार्ग सुगम बना रहे साथ ही रेलवे क्रॉसिंग और सर्विस रोड पर टोल प्लाजा बनाए जाएंगे। हाईवे के किनारो में ग्रीन बेल्ट का निर्माण किया जाएगा जिससे पर्यावरण संतुलन भी सुनिश्चित होगा। इसके अलावा ट्रक ट्रक ले-बे जैस सुविधा हाईवे पर उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वाहनों की लंबी दूरी यात्रा में सहूलियत हो।
निर्माण और फंडिंग
Aligarh-Palwal Highway का निर्माण हाइब्रिड एन्युइटी मोड के तहत किया जा रहा है। यह परियोजना नेशनल हाईवे (O) स्कीम के अंतर्गत आती है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 2,300 करोड़ रुपये है।
प्रोजेक्ट का प्रभाव
इस हाइवे के बनने से अलीगढ़ और एनसीआर के बीच यात्रा तेजी से हो सकेगी इसके अलावा खैर और जट्टारी जैसे क्षेत्रों में यातायात जाम की समस्या कम होगी।