इन राज्यों में किसानो ने वापस लिया पीएम किसान सम्मान निधि से नाम ,यहां जाने इसका कारण

Saroj kanwar
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सरकार की ओर से किसानों के लाभार्थ कई योजना चलाई जा रही है जिनका लाभ उन्हें मिल रही है। इन योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना काफी लोकप्रिय योजना है। इस योजना के तहत किसानों को हर साल ₹6000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना से बहुत से अपात्र किसानों को बाहर किया गया है। वहीं कई किसान खुद इस योजना से अलग हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस योजना से जुड़े 1 पॉइंट 16 लाख किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने से अपनी मर्जी से योजना का लाभ लेना बंद कर दिया है ।

सबसे अधिक किसान बिहार के हैं

इसमें सबसे अधिक किसान बिहार के हैं। उसके बाद उत्तर प्रदेश और राजस्थान की किसानों से योजना का लाभ लेना बंद कर दिया। इसके अलावा कई अन्य राज्य पीएम किसान योजना संचालित है वहां के हजारों किसानो ने इस योजना से अपने आप को अलग कर दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक ,बिहार में सबसे अधिक सबसे अधिक 29,176 किसान परिवारों ने पीएम किसान योजना का लाभ छोड़ा है। उसके बाद उत्तर प्रदेश से 26,593 किसान इस योजना से अलग हो गए। तीसरे नंबर पर राजस्थान जहां 10,343 किसानों ने पीएम किसान योजना का लाभ छोड़ा है। उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय ने पिछले वर्ष पीएम किसान मोबाइल एप और वेबसाइट में एक मॉड्यूल प्रस्तुत किया था जो किसानों को इस योजना से बाहर निकलने में सक्षम बनाता है।

किसान योजना के तहत योजना से जुड़े पात्र किसानों को हर साल ₹6000 सीधे उनके खाते में डीबीटी द्वारा ट्रांसफर किए जाते हैं

अधिकारियों के अनुसार ,बहुत अधिक जोत वाले किसानों ने खुद अपनी ओर से सब्सिडी का लाभ प्राप्त नहीं लेने का फैसला किया। इसके अलावा आयकर का भुगतान करने वाले छोटे किसानों ने भी योजना का लाभ छोड़ दिया। केंद्र सरकार की ओर से पीएम किसान योजना के तहत योजना से जुड़े पात्र किसानों को हर साल ₹6000 सीधे उनके खाते में डीबीटी द्वारा ट्रांसफर किए जाते हैं।

पीएम किसान योजना के नियम व शर्तों में स्पष्ट रूप से बता रखा है कि कौन इसका लाभ ले सकते हैं और कौन नहीं। इसके बावजूद पात्र किसान इस योजना का लाभ ले रहे थे। ऐसे पता चलने पर उनके पास सरकारअपात्रों को योजना से बाहर करने का काम किया और राशि वापस वसूलने के नोटिस भी जारी किए। इसके अलावा सरकार ने पीएम किसान योजना के लाभार्थियों के लिए ई -केवाईसी और भूमि सत्यापन अनिवार्य कर दिया । इन सबको देखते हुए और कार्रवाई के डर से कई पात्र किसान योजना को छोड़ने लगे और इस तरह तीन राज्यों में ऐसे किसानों को संख्या 1.16 लाख हो गई है जिन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि का परित्याग किया।

पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्धीकरण के मुताबिक जो किसान सुरक्षा से पीएम योजना की के तहत मिलने वाली सम्मान निधि के लाभ को छोड़ना चाहते हैं वह आसानी से योजना से अलग हो सकते हैं। इसके लिए आपको पीएम किसान पोर्टल को अपने मोबाइल नंबर पर अपलोड करना होगा। इसके बाद इच्छुक किसान को अपना पंजीकरण नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद वे एक ओटीपी जनरेट कर सकते हैं। जो उनके के आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया के जरिये पीएम किसान योजना के लाभार्थी की पहचान की जाती है। इसके बाद लाभार्थी किसान अपने पीएम किसान योजना के लाभ को सरेंडर कर सकता है।

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