Employee Salary Hike :हरियाणा में इन कर्मचारियों की बढ़ी सैलरी, जून से वेतन बढ़ोतरी का आदेश लागू 

Saroj kanwar
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Employee Salary Hike: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर दी है. HKRN (हरियाणा कौशल रोजगार निगम) के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों के वेतन में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. सरकार का यह आदेश 1 जून 2025 से प्रभावी होगा, जिससे हजारों संविदा कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा.

क्या है HKRN?


HKRN (Haryana Kaushal Rozgar Nigam) हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2021 में स्थापित एक सरकारी कंपनी है, जिसका उद्देश्य है –
राज्य के विभिन्न विभागों और संस्थानों में संविदात्मक आधार पर कर्मचारियों की पारदर्शी और कुशल भर्ती.
इस निगम को 13 अक्टूबर 2021 को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत रजिस्टर किया गया था और अब यह सरकारी भर्तियों के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है.

किन्हें मिलेगा वेतनबढ़ोतरी का लाभ?


इस निर्णय का लाभ उन सभी संविदा कर्मचारियों को मिलेगा जो HKRN के माध्यम से नियुक्त हैं.
सरकार की घोषणा के अनुसार, 5% वेतन वृद्धि 1 जून 2025 से लागू होगी, जिसका प्रभाव नौकरीशुदा और पहले से कार्यरत सभी कर्मचारियों पर पड़ेगा.
समय-समय पर HKRN कर्मचारियों के वेतन में सुधार किया जाता है, ताकि उन्हें उचित आर्थिक सहायता मिलती रहे.


हरियाणा के युवाओं के लिए क्यों खास है HKRN?


HKRN एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण और भर्ती प्रक्रिया संचालित करता है.
इस पोर्टल पर हरियाणा निवासी युवा आवेदन कर सकते हैं, जिन्हें

हरियाणा निवासी होना जरूरी है
वैध परिवार पहचान पत्र (PPP ID) होना अनिवार्य है
इस प्रक्रिया से युवाओं को बिना बिचौलियों के सीधा सरकारी रोजगार का अवसर मिलता है

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HKRN की संरचना और संचालन


HKRN को सरकारी विभागों की आवश्यकतानुसार योग्य संविदा कर्मियों की नियुक्ति के लिए डिजाइन किया गया है.
इस कंपनी के शेयरहोल्डर्स में 15 से अधिक वरिष्ठ IAS अधिकारी शामिल हैं, जिससे इसकी पारदर्शिता और विश्वसनीयता और भी मजबूत होती है.
यह निगम नीतिगत आधार पर चयन प्रक्रिया को सरल और निष्पक्ष बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है

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हरियाणा सरकार का कर्मचारी हितैषी रुख


हरियाणा सरकार ने हाल के महीनों में कर्मचारी कल्याण की दिशा में कई बड़े कदम उठाए हैं.
HKRN कर्मचारियों की सैलरी में 5% बढ़ोतरी भी इसी कड़ी का हिस्सा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि
संविदा कर्मचारियों को सरकार केवल अस्थायी कर्मचारी नहीं, बल्कि एक संसाधन के रूप में देख रही है.

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