आज की दौर की लाइफ स्टाइल में चीजों की संख्या बढ़ती जा रही है जो फार्मूलामिल्क यानी पाउडर वाले दूध पर निर्भर ह। इसकी वजह कई बार मां का वर्किंग होना भी हो सकता है तो कई बार इसकी वजह मां की सेहत या कुछ भी हो सकती है। लेकिन जिस फार्मूला मिल्क पर आपके शिशु का खानपान पर निर्भर करते हैं वह आपकी सेहत के लिए कितना सुरक्षित है इसके बारे में जानते हैं।
फार्मूला मिलाकर कितना है सही
जो लोग अपने शिशु के लिए फॉर्मूला मिल्क को बेहतर मानते हैं उनको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के अनुसार ,0 से 6 महीने तक शिशु के लिए केवल मां का दूध सर्वोत्तम आहार है। ऐसे में 6 महीने तक की उम्र तक शिशु को मां का दूध पिलाना चाहिए।
फार्मूला मिल्क यानी पाउडर वाले दूध के नुकसान
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के अनुसार ,स्तनपान करने वाली शिशुओं के मुताबिक ,फार्मूला दूध का सेवन करने वाले शिशुओं में एलर्जी होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में बच्चे के लिए मां के दूध ही बेहतर होता है। हो के अनुसार जो कंपनियां फॉर्मूला मिल्क तैयार करती है उनकी जांच की जाएगी।
बच्चे के लिए माँ के दूध फायदे
इम्यूनिटी होती है मजबूत
बच्चे की इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी माँ का दूध अहम भूमिका निभाता है। इससे तमाम तरह के संक्रमण से दूर रहते है और जल्दी-जल्दी बीमार होने से बचा रहता है। इसके साथ ही किसी के मस्तिष्क विकास में भी माँ का दूध काफी अच्छी भूमिका निभाता है।
कब पिलाना चाहिए माँ को दूध
जब भी शिशु को भूख लगे तो माँ को स्तनपान करवाना चाहिए। अगर आप यह नहीं समझ पाते हैं कि आपकी बीवी को भूख लग रही है तो आपको हर दिन चार घंटे के अंतराल पर शिशु को ब्रेस्टफीडिंग करानी चाहिए । इस तरह से रात की सोते समय में बच्चों को स्तनपान कराया जासकता है।