हिंदू धर्म में माला धारण करना बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं माला धारण करना या फिर से माला जाप करने पर आराध्य की सभी मनोकामनाएं सुनते हैं। माल से जाप करने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है और मन शांत भी महसूस करते हैं। माला का यह अलग-अलग तरह की होती है इनमें से एक तुलसी की माला।
तुलसी की माला धारण करना अत्यधिक शुभ माना जाता है
तुलसी की माला धारण करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। कहते हैं तुलसी की माला में स्वयं दूसरों का वास होता है और तुलसी की माला से जाप करने पर भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं ।
ऐसे में मन को शांति तो मिलती है साथ ही आत्मा भी पवित्र हो जाती है।। तुलसी की माला से जाप करने और इस्तेमाल को धारण करने से मिलने वाले लाभ और नियमों के बारे में तुलसी की माला को धारण करने के लाभ माना जाता है कि तुलसी की माला तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है ।ऐसे में तुलसी की माला से जाप करना है। तुलसी की माला धारण करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख समृद्धि आती है।
तुलसी को धार्मिक मान्यता अनुसार ,भगवान विष्णु की प्रिया कहा जाता है। ऐसे में तुलसी की माला पर भगवान विष्णु केमंत्रो का जाप किया जाता है। तुलसी की माला धारण करने पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। भगवान विष्णु जातक के घर में खुशहाली लाते हैं। मान्यता अनुसार तुलसी की माला धारण करने पर बुध और शुक्र ग्रह मजबूत रहते हैं। इससे मन भी शांत रहता है।
तुलसी की माला धारण करने के नियम
तुलसी की माला धारण करने से पहले इस माला को गंगाजल से शुद्ध किया जाता है। इसके बाद तुलसी माता का मंत्रो का जाप किया जाता है और फिर माला धारण करते हैं।
जो व्यक्ति तुलसी की माला धारण करते हैं उसे सात्विक भोजन कर करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त माला धारण वाले व्यक्ति को मदिरा का सेवन या तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
तुलसी की माला पहनने वाले रुद्राक्ष पहनने की मनाई होती है। दोनों तरह की माला एक साथ पहनना अच्छा नहीं माना जाता। कहते हैं कि एक बार इस माला को धारण करने के बाद उसे उतारना नहीं चाहिए। नित्य कर्म से पहले माला उतार दी जाती है। स्नान के पश्चात इसे पहन सकते हैं।
माना जाता है कि जो लोग तुलसी की माला को गले में धारण नहीं कर सकते वह इस दाएं हाथ में बांध सकते हैं।