कार के लिए कूलेंट महत्वपूर्ण होता है। खासकर गर्मियों में इसका बड़ा काम बढ़ जाता है। कार इंजन कूलेंट पानी और एंटी एजिंग पदार्थ का मिक्सर होता है जो पावर मिल को ज्यादा गर्म होने से रोकने में मदद करता है। समय-समय पर उसको चेक करते रहना और बदलना जरूरी है। यहां जानते है इसके बारे में।
कूलेंट टेंक खोजे
सुनिश्चित करें की कूलेंट डालने से पहले आपको सही टेंक मिल जाए। स्क्रीन वॉश , ब्रेक फ्लूइड , या पावर स्टीयरिंग रिजर्वायर में में एंट्री फीचर मिलने से आपकी वाहन को नुकसान हो सकता है। चीजों को आसान बनाने के लिए आप कूलेंट फिलर कैपके स्थान का पता लगाने के लिए व्हीकल कीहेंड बुक चेक कर सकते हैं।
कूलेंट लेवल चेक करें
टेंक मिलने के बाद ये देखे की इसमें कितना कूलेंट बचा है। कम इंजन कूलेंट लेवल होने पर कार को इंजन जल्दी हीट कर सकता है। इसके अलावा कम कूलेंट की वजह से डैशबोर्ड वेंड से ठंडी हवा आनी भी कम हो जाती है।
टॉप अप करें
अगर इंजन में कूलेंट लेवल कम है तो यह इंजन की कूलिंग सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में इग्निशन बंद करें और इंजन और पूरी पावर ट्रेन सिस्टम को ठंडा होने दे। जब तक इंजन पूरी तरह से ठंडा ना हो जाए तब तक की फिलर कैप को न हटाए। एक बार इंजन ठंडा होने के बाद कुलनेट को भर दें।