पंचांग के अनुसार हर महीने दो एकादशी हर महीने 24 एकादशी पड़ती है। एकादशी पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा प्रार्थना की पूजा आराधना की जाती है। माना जाता है की पूजा का एकादशी का व्रत रखने पर पापों से मुक्ति मिलती और मोक्ष की प्राप्ति होती है । फाल्गुन मास में पड़ने वाले एकादशी के दिन महत्व होता है। फाल्गुन में पड़ने वाले एकादशी को रंगभरी में एकादशी के नाम से जानते हैं।
इस साल 20 मार्च बुधवार को के दिन आमलकी एकादशी मनाई जा रही है। आमलकी एकादशी के दिन कुछ उपाय करने पर भगवान विष्णु को प्रसन्न किया जा सकता है।
आमलकी एकादशी के उपाय
एकादशी के दिन सुबह स्नान पश्चात श्री हरि का स्मरण कर व्रत का संकल्प लिया जाता है। आमलकी एकादशी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है। इसके चलते इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने जा सकते हैं।
इस दिन श्री हरि का पंचामृत से अभिषेक करना शुभ होता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करने से प्रसन्न होते हैं।
एकादशी पर दान का अत्यधिक महत्व होता है। इस दिन गरीब और जरूरतमंदों को दान दिया जा सकता है। जरूरतमंदों को इस दिन भोजन करना भी शुभ होता है। माना जाता है। ऐसा करने पर भगवान विष्णु ही नहीं बल्कि मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
आमलकी एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाया जा सकता है। दिया जलाकर पेड़ की परिक्रमा करने पर भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। इससे घर की दरिद्रता दूर होती है। इस एकादशी पर आमलकी पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में आवल के पेड़ का पूजन किया जा सकता है।
आंवले को भगवान विष्णु की पूजा में शामिल कर सकते हैं। आंवला की एकादशी को रंग पर एकादशी के रूप में भी जाना जाता है। एकादशी पर पुरानी कथाओं के अनुसार भगवान शिव माता पार्वती की विवाह की बात काशी आये थे। उन्होंने वहां होली खेली थी। ऐसे में आमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु मां लक्ष्मी भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है।