Free Coaching School :ग्रामीण बच्चों के लिए मुफ्त पढ़ने का मौका, नवोदय से लेकर प्रयास और सैनिक स्कूल में मिलेगा ऐसे एडमिशन

Saroj kanwar
3 Min Read

Free Coaching School: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में ग्रामीण क्षेत्र के मेधावी छात्रों के लिए शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने एक सराहनीय कदम उठाया है. इस पहल का उद्देश्य प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों जैसे नवोदय विद्यालय, प्रयास आवासीय विद्यालय और सैनिक स्कूल में प्रवेश दिलाना है.

100 संकुलों में होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम (16 जुलाई से शुरू)

इस नवाचारात्मक योजना के अंतर्गत 100 ग्रामीण संकुलों में चयनित छात्रों को निःशुल्क प्रवेश परीक्षा की कोचिंग दी जाएगी. यह प्रशिक्षण 16 जुलाई 2025 से प्रारंभ किया जाएगा और इसमें छात्र-छात्राओं को प्रवेश परीक्षाओं की पूरी तैयारी कराई जाएगी.

कमजोर बच्चों को मिलेगा लाभ

इस योजना का मुख्य फोकस अनुसूचित जनजाति (ST), अनुसूचित जाति (SC) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों पर है. इन वर्गों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का समान अवसर देने के लिए यह पहल की गई है, ताकि वे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में जगह बनाकर अपना भविष्य संवार सकें.

पढ़ाई के साथ मिलेगा परीक्षा रणनीति और मॉडल पेपर्स का प्रशिक्षण

कोचिंग में छात्रों को सिर्फ पाठ्यक्रम की ही नहीं बल्कि मॉडल प्रश्नपत्र, समय प्रबंधन और परीक्षा रणनीति की भी तैयारी कराई जाएगी. यह उन्हें परीक्षा के मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक दोनों पहलुओं के लिए तैयार करेगा.

सप्ताहांत में होंगे क्लासेज, स्कूल की पढ़ाई नहीं होगी प्रभावित

प्रशिक्षण केवल शनिवार और रविवार को आयोजित किए जाएंगे ताकि छात्रों की नियमित स्कूल शिक्षा पर कोई असर न पड़े. यह व्यवस्था छात्रों के अकादमिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करेगी.

विशेषज्ञ शिक्षक लेंगे क्लास, प्रतियोगी तैयारी में मिलेगा मार्गदर्शन

सत्रों का संचालन अनुभवी शिक्षकों और विषय विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा. वे छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की बारीकियों से अवगत कराएंगे और उन्हें करियर के प्रति प्रेरित भी करेंगे.कलेक्टर ने सराहा कदम, दिए जिम्मेदारी से क्रियान्वयन के निर्देश

जिला कलेक्टर विलास भोसकर ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए इसे ग्रामीण बच्चों के लिए ऐतिहासिक अवसर बताया है. उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि कार्यक्रम को ईमानदारी और गंभीरता से लागू किया जाए.

शैक्षणिक समानता और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम

यह योजना न केवल शिक्षा का स्तर बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण-शहरी शिक्षा अंतर को भी पाटेगी. इससे बच्चों को सामाजिक सशक्तिकरण का भी अनुभव होगा.

नियमित समीक्षा और निगरानी होगी सुनिश्चित

कार्यक्रम की नियमित मॉनिटरिंग और समीक्षा की जाएगी ताकि बच्चों को समय पर आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन दिया जा सके. इससे योजना की सफलता और प्रभावशीलता बढ़ेगी.

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *