Contract Employee Ban :संविदा कर्मचारियों के लिए सरकार का बड़ा फैसला, इन विभागों से हटाए जाएंगे कर्मचारी 

Saroj kanwar
4 Min Read

Contract Employee Ban: हरियाणा सरकार ने राज्यभर में संविदा पर काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों के लिए बड़ा निर्णय लिया है. अब राज्य के सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और विश्वविद्यालयों में संवेदनशील और वित्तीय जिम्मेदारियों वाले पदों पर कच्चे कर्मचारियों की तैनाती नहीं की जाएगी. इन पदों पर सिर्फ नियमित सरकारी कर्मचारी ही कार्यभार संभालेंगे.

पब्लिक डीलिंग और फाइनेंस से जुड़े पदों पर अब केवल स्थायी कर्मचारी

हरियाणा सरकार ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि पब्लिक डीलिंग और वित्तीय मामलों से संबंधित पद अब सिर्फ स्थायी और नियमित अधिकारियों व कर्मचारियों को ही दिए जाएंगे. मानव संसाधन विभाग की ओर से यह फैसला भ्रष्टाचार की लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर लिया गया है.

भ्रष्टाचार की शिकायतों ने बढ़ाई चिंता

सरकार का यह फैसला अचानक नहीं है. पिछले कुछ समय से संवेदनशील पदों पर कच्चे कर्मचारियों की तैनाती से भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आ रही थीं. इस पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए सरकार ने मानव संसाधन विभाग के जरिए एक विस्तृत आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसे पदों की पहचान कर नियमित कर्मचारियों को ही तैनात किया जाए.

आदेश सभी विभागों, बोर्डों और विश्वविद्यालयों के लिए

मुख्य सचिव के अधीनस्थ मानव संसाधन विभाग ने ये निर्देश सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्डों के प्रबंध निदेशकों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को जारी किए हैं. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह आदेश सभी स्तरों पर समान रूप से लागू होगा.

13 अगस्त 2021 की अधिसूचना का होगा सख्ती से पालन

मानव संसाधन विभाग के अनुसार, 13 अगस्त 2021 को जारी निर्देशों के अनुसार, पहले भी स्पष्ट किया गया था कि संवेदनशील और वित्तीय पदों पर सिर्फ नियमित कर्मचारी ही तैनात किए जाएं. लेकिन अब तक कई विभागों ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया, जिसके कारण यह दोबारा सख्ती से लागू किया जा रहा है.

संविदा कर्मचारियों को हटाकर स्थायी स्टाफ को सौंपा जाएगा काम

नए निर्देशों के तहत कहा गया है कि संवेदनशील पदों पर तैनात संविदा कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए और उनकी जगह ग्रुप ए, बी, सी या उनके समकक्ष स्थायी कर्मचारियों को नियुक्त किया जाए. इसमें खास तौर पर मानव संसाधन (HR) और लेखा (Accounts) विभागों का उल्लेख किया गया है.सरकारी आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं कई विभाग

सरकार को जानकारी मिली है कि कई संस्थान अब भी संवेदनशील पदों पर कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए कर्मचारियों से काम ले रहे हैं, जो कि सरकारी नियमों का खुला उल्लंघन है. इसके कारण न केवल पारदर्शिता प्रभावित हो रही है, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं.

प्रशासनिक स्तर पर होगी निगरानी

सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागीय प्रमुखों को यह भी निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि आदेश का पालन पूरी गंभीरता से हो. किसी भी स्तर पर लापरवाही या आदेश की अनदेखी पाए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.

क्यों संवेदनशील पदों पर जरूरी है स्थायित्व?

संवेदनशील पदों पर काम करने वाले व्यक्ति को कई बार आर्थिक लेन-देन, गोपनीय जानकारी, सार्वजनिक संपर्क और संसाधन प्रबंधन से जुड़े निर्णय लेने होते हैं. ऐसे में अगर वहां अनुभवहीन या अनुबंध पर रखे गए कर्मचारी होंगे, तो न केवल पारदर्शिता प्रभावित होती है बल्कि भ्रष्टाचार की संभावना भी बढ़ती है.

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *