Employees Leave New Rules: हरियाणा सरकार ने ग्रुप-C और ग्रुप-D के नियमित सरकारी कर्मचारियों को राहत देते हुए छुट्टी वाले दिन ड्यूटी करने पर Comp Off की सुविधा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही महिला कर्मचारियों के आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) की संख्या भी बढ़ा दी गई है। इस बदलाव का उद्देश्य कर्मचारियों को बेहतर कार्य-संतुलन देना और उनकी सेवाओं को सम्मानित करना है।
छुट्टी वाले दिन ड्यूटी करने पर मिलेगा Comp Off
अब यदि कोई कर्मचारी अधिसूचित अवकाश वाले दिन ड्यूटी करता है, तो वह अगले एक माह के भीतर किसी भी दिन Comp Off ले सकता है।
हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- Comp Off की अवधि कुल 16 दिन से अधिक नहीं हो सकती।
- कर्मचारी को एक माह के भीतर अवकाश का आवेदन करना होगा, नहीं तो यह स्वतः रद्द मान लिया जाएगा।
- यदि किसी कर्मचारी को इसी ड्यूटी के लिए वित्तीय प्रोत्साहन (Incentive) मिल चुका है या प्रस्तावित है, तो Comp Off का लाभ नहीं दिया जाएगा।
आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) की नई व्यवस्था
Haryana Civil Service (Leave) नियम, 2016 में संशोधन करते हुए सरकार ने महिला और पुरुष कर्मचारियों के आकस्मिक अवकाश की संख्या में संशोधन किया है। ‘
महिला कर्मचारियों को मिलेगा अधिक CL: ‘
- अब सभी नियमित महिला कर्मचारियों को प्रति वर्ष 25 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे।
- जो महिला कर्मचारी 30 जून से पहले नियुक्त हुई हैं, उन्हें पहले जहां 20 CL मिलते थे, अब वे 25 CL की पात्र होंगी।
पुरुष कर्मचारियों के लिए व्यवस्था:
- इसी श्रेणी के पुरुष कर्मचारियों को 10 आकस्मिक अवकाश दिए जाएंगे, जो पहले की व्यवस्था के अनुसार हैं।
नए नियम से कर्मचारियों को क्या लाभ मिलेगा?
इस संशोधन से न केवल कर्मचारियों को अधिक अवकाश और कार्य संतुलन का लाभ मिलेगा, बल्कि सरकारी सेवाओं में काम कर रहे महिला कर्मचारियों को विशेष प्रोत्साहन भी मिलेगा। साथ ही, छुट्टी के दिन काम करने वाले कर्मचारियों को भी मानवीय दृष्टिकोण से राहत मिलेगी।
कब से होंगे ये नए नियम लागू?
ये संशोधित नियम तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं और इस संबंध में हरियाणा सरकार की ओर से अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। सभी सरकारी विभागों को इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया: मिला स्वागत
इस फैसले का सरकारी कर्मचारी संगठनों और यूनियनों द्वारा स्वागत किया जा रहा है। उनका मानना है कि इससे कर्मचारियों की कार्य के प्रति निष्ठा और मनोबल दोनों बढ़ेगा।
विशेष रूप से महिला कर्मचारियों ने इस फैसले को सकारात्मक और सहयोगात्मक कदम बताया है।