CIBIL Score New Rules: अब लोन मिलना हुआ और भी आसान, जल्दी से कराएं ये काम RBI की तरफ से नया नियम जारी

Saroj kanwar
9 Min Read

CIBIL Score New Rules: आज के समय में हर व्यक्ति चाहता है कि जब भी उसे किसी निजी जरूरत या व्यवसायिक कार्य के लिए पैसों की आवश्यकता पड़े, तो उसे बिना किसी परेशानी के आसानी से लोन मिल सके। लेकिन अक्सर लोगों की सबसे बड़ी चिंता उनका सिविल स्कोर होता है। कई बार जिनका क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होता या फिर जिनका स्कोर अच्छा नहीं होता, उनका आवेदन बैंक द्वारा खारिज कर दिया जाता है। इस कारण पहली बार लोन लेने वाले लोग कठिनाई महसूस करते हैं और बार-बार बैंक के चक्कर लगाना पड़ता है। अब सरकार और आरबीआई द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार यह स्थिति बदल गई है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ किया है कि पहली बार लोन लेने वालों के लिए न्यूनतम सिविल स्कोर जरूरी नहीं होगा। यानी बैंक सिर्फ इसलिए आवेदन खारिज नहीं कर सकते क्योंकि व्यक्ति के पास क्रेडिट हिस्ट्री या सिविल स्कोर नहीं है। यह बदलाव युवाओं, नौकरीपेशा और छोटे कारोबारियों के लिए बेहद बड़ी राहत है। आरबीआई ने इस नई व्यवस्था के लिए मास्टर डायरेक्शन भी जारी किए हैं, जिनसे अब लोन के लिए प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और लोगों के लिए आसान हो गई है।

पहली बार लोन लेने वालों के लिए राहत

लोन की आवश्यकता हर व्यक्ति को कभी न कभी होती है लेकिन पहली बार लोन लेने वालों के लिए सबसे बड़ा सवाल उनका क्रेडिट स्कोर होता है। अब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिन लोगों की कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, उन्हें लोन के आवेदन से वंचित नहीं किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को यह निर्देश जारी किया है कि वे केवल इस आधार पर लोन को अस्वीकार न करें कि व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट या सिविल स्कोर नहीं है। इसका मतलब है कि अब छात्रों, युवाओं और नए व्यवसाय शुरू करने वाले उद्यमियों को कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्हें अपने सपनों को हकीकत में बदलने का बेहतर अवसर मिलेगा। यह कदम उन लोगों के लिए भी वरदान साबित होगा जिन्होंने अब तक किसी भी लोन का उपयोग नहीं किया और वे अपना पहला लोन आवेदन करना चाहते हैं। यह बदलाव बैंकिंग प्रणाली में भरोसे और पारदर्शिता को और मजबूत बना देगा।

आरबीआई का नया मास्टर डायरेक्शन क्या कहता है

6 जनवरी 2025 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण मास्टर डायरेक्शन जारी किया। इसमें बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों को यह दायित्व सौंपा गया कि वे अब केवल सिविल स्कोर की अनुपस्थिति के आधार पर किसी का लोन आवेदन अस्वीकार न करें। हालांकि इसका अर्थ यह नहीं है कि बिना जांच के लोन दिया जाएगा। बैंक अब भी आवेदक की आय, चुकाने की क्षमता और जिम्मेदारी को परखने के लिए अन्य वित्तीय दस्तावेजों और व्यक्तिगत जानकारी का मूल्यांकन करेंगे। इस दिशा-निर्देश का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को अधिक अवसर प्रदान करना है जो पहली बार लोन लेना चाहते हैं और अब तक बैंकिंग चैनल से जुड़े नहीं थे। यह नियम खास तौर पर समाज के उन वर्गों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने करियर, शिक्षा या व्यावसायिक जरूरतों के लिए वित्तीय सहायता की तलाश में रहते हैं। इस बदलाव से बैंकों के लिए भी संभावित ग्राहक आधार बढ़ेगा और लोगों का वित्तीय संस्थानों पर विश्वास और गहरा होगा।

लोन स्वीकृति के लिए बैंक किन पहलुओं को देखेंगे

हालांकि सिविल स्कोर की अनिवार्यता पहली बार लोन लेने वालों के लिए हटा दी गई है, फिर भी बैंक लोन स्वीकृति के लिए कई महत्वपूर्ण कारकों पर ध्यान देंगे। बैंक आपकी आय के स्रोत, रोजगार की स्थिति और नियमितता की जांच करेंगे। साथ ही वे यह देखेंगे कि आपके पास पहले से किसी प्रकार की वित्तीय देनदारी तो नहीं है। यदि आपने पहले कोई लोन लिया है तो उसकी पुनर्भुगतान की स्थिति और किस प्रकार आपने उसे निपटाया है, उसका रिकॉर्ड भी जांचा जाएगा। इसके अतिरिक्त लोन से संबंधित सेटलमेंट, रीस्ट्रक्चरिंग या किसी डिफॉल्ट हिस्ट्री को भी देखा जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आवेदक सचमुच लोन चुकाने की क्षमता रखता है। इस प्रक्रिया से बैंक अपनी सुरक्षा भी सुनिश्चित कर पाते हैं और ग्राहक का जिम्मेदार वित्तीय आचरण भी सामने आता है। इस प्रकार नए नियमों का मकसद केवल अवसर बढ़ाना ही नहीं बल्कि पारदर्शिता और जिम्मेदारी को भी बढ़ावा देना है।

क्रेडिट रिपोर्ट की फीस और नई सुविधा

वित्त मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि क्रेडिट रिपोर्ट से जुड़ी फीस पर भी सीमाएं तय की गई हैं। आरबीआई के मौजूदा नियमों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति से उसकी क्रेडिट जानकारी रिपोर्ट के लिए 100 रुपए से अधिक शुल्क नहीं लिया जा सकता। इसके अलावा, हर व्यक्ति को साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में प्राप्त करने का अधिकार है। हालांकि यह केवल उसी स्थिति में संभव है जब उसकी कुछ क्रेडिट हिस्ट्री दर्ज हो। यह सुविधा उपभोक्ताओं को पारदर्शिता और संतुलित वित्तीय योजना बनाने में मदद करती है। लोग इस रिपोर्ट के जरिए खुद अपनी वित्तीय स्थिति को समझ सकते हैं और जरूरत पड़ने पर सुधार भी कर सकते हैं। इस नियम से यह भी सुनिश्चित किया गया है कि आम लोगों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े। साथ ही इस व्यवस्था से ग्राहकों को अपनी क्रेडिट व्यवहार के प्रति जागरूक होने और समय रहते गलतियों को सुधारने का मौका मिलेगा।

सिविल स्कोर की भूमिका बनी रहेगी जारी

कुछ लोगों के मन में यह भ्रम है कि नए नियमों के बाद सिविल स्कोर पूरी तरह से बंद हो जाएगा। लेकिन सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सिविल स्कोर पहले की तरह जारी रहेगा और यह आरबीआई की निगरानी में कार्य करता रहेगा। फर्क केवल इतना होगा कि जिसने पहले कभी लोन नहीं लिया है, उनके लिए यह स्कोर बाधा नहीं बनेगा। लेकिन जिन व्यक्तियों की वित्तीय गतिविधियां पहले से दर्ज हैं और जिन्होंने पहले लोन लिया है, उनके मूल्यांकन में सिविल स्कोर अब भी अहम रहेगा। बैंक सिविल स्कोर का उपयोग ग्राहकों की विश्वसनीयता और भुगतान की आदतों को समझने के लिए करते हैं। यानी यह नया नियम केवल उन लोगों को राहत देगा जो पहली बार बैंकिंग प्रणाली से जुड़कर लोन लेना चाहते हैं। इससे न केवल युवाओं बल्कि छोटे कारोबारियों को भी वित्तीय सहायता पाने में आसानी होगी और नए अवसर विकसित होंगे। इस तरह सिविल स्कोर अपनी अहमियत बनाए रखेगा लेकिन नई व्यवस्था सभी को और अवसर देने पर केंद्रित रहेगी।

युवा और नए कारोबारियों के लिए फायदे

नए नियम खासकर उन युवा वर्ग और छोटे कारोबारियों के लिए बेहद उपयोगी साबित होंगे जो अपने करियर या व्यवसाय को गति देना चाहते हैं। अक्सर युवा नौकरी शुरू करते समय या अपना स्टार्टअप शुरू करने पर पूंजी की कमी का सामना करते हैं। ऐसे में सिविल स्कोर न होना उनके लिए बड़ी बाधा बन जाता था। अब जब पहली बार लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है, तो नए उद्यमियों और युवाओं को आसानी से वित्तीय संस्थानों से सहायता मिल पाएगी। इससे रोजगार सृजन में बढ़ोत्तरी होगी और देश के छोटे व्यवसाय मजबूत होंगे। यही नहीं, इससे वित्तीय समावेशन को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि ऐसे लोग भी बैंकिंग प्रणाली में शामिल हो सकेंगे जिनके पास पहले कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं थी। यह बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्था को नई शक्ति देगा और युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में और अधिक साधन उपलब्ध कराएगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। यहां दी गई जानकारी वित्तीय सलाह नहीं है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने सलाहकार या संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *