राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी निकल कर सामने आ रही है। शनिवार को सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कई अहम हम फैसले किये गए है जिससे हजारो कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इसमें सबसे प्रमुख पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरपालिकाओं के लिये 7वें वेतन आयोग के गठन।
खेमराज समिति की सिफारिश के अनुरूप राजस्थान सिविल सेवा नियम 2017 में संशोधन और राजस्थान कांट्रेक्चुअल अपॉइन्टमेंट टू सिविल पोस्ट्स पोस्ट रूल्स 2022 में संशोधन शामिल है। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ प्रेमचंद बैरवा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की पंचायती राज संस्थाओं नगर पालिकाओं के लिए सातवें राज्य वित्त आयोग का गठन की प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
इस आयोग की अवार्ड अवधि 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक होगी इससे नगरपालिकाओं के कर्मचारियों और पंचायती राज संस्थाओं को भी 7वें राज्य वित्त आयोग का फायदा मिलेगा।
संविदा सेवा नियम संशोधन, वेतनवृद्धि लाभ
कैबिनेट बैठक में राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट अपॉइंटमेंट तो सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के अंतर्गत नियुक्त करने को भी कर्मचारी राजस्थान राज्य कर्मचारियों की भांति ही2 तारीखों 1 जुलाई अथवा 1 जनवरी को वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। इस संबंध में की गई बजट घोषणा को पूरा करते अनुमानित किया गया।
इन संशोधन के नियमो के अंतर्गत नियुक्त कार्मिकों को प्रथम वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि एक वर्ष से पहले ही प्राप्त हो सकेगीतथा सभी संविदा कार्मिकों की आगामी वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि की दिनांक नियुक्त अवधि के अनुसार एक समान हो जायेगी ।
खेमराज समिति की सिफारिशों के अनुरूप वेतन विसंगतियों का निराकरण
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि सेवानिवृत्त आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की वेतन विसंगति दूर करने, वेतन सुधारों तथा पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराने संबंधी सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की ह।
उल्लेखनीय है कि वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वेतन विसंगतियों एवं वेतन सुधार सम्बन्धी सिफारिशों को दिनांक 1 सितम्बर, 2024 से लागू करने की घोषणा की थी।