Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ प्रदेश में किसानों को गेहूं-चना के बिज ज्यादा रेट पर बेचने वाले अफसरों पर सरकार बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। दरअसल प्रदेश के रायपुर जिले के तिल्दा क्षेत्र में रबी सीजन 2024-25 एवं खरीफ सीजन 2025-26 में बीज ग्राम योजना के तहत खेती-किसानी के लिए किसानों को गेंहू, चना बीज एवं जिंक सल्फेट वितरण किया गया। शासन ने दोनों बीज एवं जिंग सल्फेट प्रति किलो, प्रति बोरी की दर से दाम निर्धारित किया था। किसानों को इसी निर्धारित कीमत पर इसका वितरण होना था, लेकिन इसमें अनियमितता कर अफसरी ने किसानों को निर्धारित मूल्य से अधिक दरों पर गेंहू-चना बीज एवं जिंक सल्फेट वितरण किया। इसका खुलासा इस मामले की प्रारंभिक जांच में हुआ है।
इस क्षेत्र के सभी फील्ड में पदस्थ कृषि विस्तार अधिकारियों ने अपने बयान में बताया है कि क्षेत्र के कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास एवं विस्तार अधिकारी ने बैठक लेकर इस संबंध में उन्हें निर्देश दिए थे, जिसका सभी ने मात्र पालन किया है। इधर प्रारंभिक जांच के बाद क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी ने आदेश जारी कर किसानों को उनकी अंतर की राशि लौटाने के लिए कहा है। अधिकारी का बयान है कि ट्रांसपोर्टिंग का पैसा जोड़कर रेट लिया गया है।
जिला पंचायत की सामान्य सभा में उठा मामला
राजधानी रायपुर में 16 जून 2025 को हुई जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में अध्यक्ष नवीन अग्रवाल ने इस मामले में विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी थी कि उनके पास किसानों की शिकायत आई है कि रखी और खरीफ सीजन में गेंहू, चना बीज एवं जिंग सल्फेट को निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर उन्हें वितरण किया है। इसके बाद केएन रस्तोगी अनुविभागीय कृषि अधिकारी उपसंभाग रायपुर को इस मामले की जांच के लिए आदेशित किया गया था।
किसानों से वसूले ज्यादा दाम
जांच कर रहे अधिकारी ने इस लामले में फील्ड में पदस्थ सभी कृषि विस्तार अधिकारियों के बयान लिए हैं। इस बयान में सभी विस्तर अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि उनके द्वारा गेहू बोरी (40 किलो) 1108 रुपए, चना बोरी (30 किलो) 1460 रुपए तथा जिंक सल्फेट (प्रति किलो) 50 रुपए की कर से वितरित किए गए है।
भाड़ा भी लगता है इसलिए लिया गया किसानों से अधिक वितरण मूल्य…
जांच के दौरान क्षेत्र के कार्यालय प्रभारी अधिकारी कृष्ण कुमार अनुरागी ने स्वीकार किया है कि रबी सीजन 2024-25 में जिंक सल्फेट प्रति किलो 50 रुपए एवं खरीफ सीजन 2025 में 42 रुपए प्रति किलो से जिंक सल्फेट वितरित किया है। उन्होंने अपने बचाव में यह भी कहा कि गाड़ी भाड़ा लगता है। यह राशि कौन देगा। इसलिए अधिक मूल्य पर वितरण के निर्देश दिए थे।
विभागीय जांच जारी
सतीश अवस्थी, जिला कृषि अधिकारी, छत्तीसगढ़ प्रशासन ने कहा कि इस मामले में विमवीय जांच अभी जारी है। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। जांच रिपोर्ट सप्ताहभर में मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे।