Supreme Court’s Decision On Cheque Bounce : जब भी चेक बाउंस होता है तो लोग कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाना शुरू कर देते हैं। अब ऐसे लोगों को परेशानी से छुटकारा मिल सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में एक हम फैसला सुनाया है। यह फैसला स्पष्ट हुआ है कि लोगों के चेक बाउंस में कचहरी के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। आईए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट का क्या है फैसला?
Supreme Court’s Decision On Cheque Bounce : चेक बाउंस मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
भारत में चेक बाउंस को एक दंडनीय अपराध के रूप में माना जाता है, इसीलिए चेक देनदारों की परेशानी उसे समय सबसे ज्यादा बढ़ जाता है जब चेक बाउंस होता है। इस स्थिति में उन्हें कोर्ट और कानून का चक्कर काटना पड़ जाता है।
अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहां फैसला सुनाया गया है, लोगों को चेक बाउंस होने पर कोर्ट का चक्कर अब लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस फैसले को लेकर देश भर में चर्चाएं चल रही है। चेक यूजर्स (Cheque Users) के लिए तो इस फैसले के बारे में जानना बहुत ही जरूरी हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में क्लियर कहीं यह बात
सुप्रीम कोर्ट के तरफ से चेक बाउंस मामले में सुनवाई के दौरान निचली अदालत को नसीहत और सलाह दिया गया है कि चेक बाउंस के मामले में समझौते के प्रयास बना रहे हैं, तो इन्हें तुरंत ही आपस में निपटा लिया जाए। निचली अदालत है मामलों को पेंडिंग ना रखते हुए ऐसे मामलों को समझौते के प्रयास से मामला निपटने की और कदम उठा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने लोगों को किया हैरान
Cheque Bounce मामले पर चिंता जाते हैं और कहां है कि देशभर में कई निचली अदालत में चेक बाउंस के अनेक मामला सबसे ज्यादा पेंडिंग पड़ा हुआ है।
ऐसे में कोर्ट का काम बढ़ गया है। इन मामलों के समझौते के आधार पर जल्दी से जल्द निपटारा कर इन्हें काम किया जा सकता है। इस टिप्पणी ने लोगों को हैरान कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा निचली अदालत इस बात पर दें ध्यान
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि चेक बाउंस के मामले में सजा के बजाय मामले का निपटारा करने पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। इन मामलों में वचन पत्र के केशव में दोनों पक्षों की सहमति दिखे तो अदालत को समझौते के प्रयास करते हुए मामले का पटाक्षेप कर देने की और कदम बढ़ाना चाहिए। इससे पेंडिंग मामला जल्द से जल्द निपटाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने की इस मामले में सजा रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में चेक जारी करता की सजा को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इस मामले में दोनों प्रशन के बीच पहले ही समझौता हो चुका है।
इसीलिए मामले को पेंडिंग रखने का कोई औचित्य नहीं है। वही दूसरा पक्ष ने याचिका पूरी राशि का भुगतान भी कर दिया है। इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्परता से मामले को निपटा दिया है।