हिंदू धर्म में शक्ति की आराधना का विशेष महत्व है। वर्ष में दो बार चैत्र और अश्विन नवरात्रि के दौरान विधि विधान से देवी के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस वर्ष में 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है। नवरात्रि का धार्मिक ही नहीं ज्योतिष और धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक है।
जानते है नवरात्रि का ज्योतिष और आध्यात्मिक महत्व
नवरात्रि में नौ दिनों तक माता की नौ रूपों का विधि विधान सहित पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि का पर्व देश भर में पूरी श्रद्धा और आस्था से मनाया जाता है। इसके साथ ही चैत्र नवरात्र की पहले दिन से नव वर्ष की गणना भी शुरू होती है। चैत्र नवरात्र का ज्योतिष शास्त्र बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। यह ऐसा समय है जब सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य सभी 12 राशियों का भ्रमण करते है और प्रथम मेष राशि में आ जाते हैं।
सूर्य मंगल दोनों की राशि मेष का तत्व अग्नि है
सूर्य मंगल दोनों की राशि मेष का तत्व अग्नि है। इसलिए इस समय से गर्मी शुरू हो जाती है। इस समय सर्दी के समाप्त होने और गर्मी के शुरू होने का असर प्रकृति और मानव दोनों पर पड़ता है। वातावरण में नई ऊर्जा व्याप्त रहती है। बसंत का मौसम होने के कारण पेड़ पर नए पौधे फूल खिल जाते हैं ।
चैत्र नवरात्रि माता के नौ रूपों की पूजा का समय है। इसलिए इस समय आध्यात्मिक शक्तियाँ जागृत रहती है। यह समय आध्यात्मिक शक्तियों की आराधना करने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।