CCTV Challan Traffic Rules: यदि आप द्वारका एक्सप्रेसवे या दिल्ली-जयपुर हाईवे पर यात्रा कर रहे हैं, तो अब हर ट्रैफिक नियम का पालन करना बेहद जरूरी हो गया है। इन मार्गों पर अब उन्नत स्वचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली (ATMS) को सक्रिय कर दिया गया है। जिसके तहत हर वाहन की गतिविधि CCTV कैमरों से निगरानी में रहेगी।
हाईवे पर ट्रैफिक नियम लागू करने की हाईटेक व्यवस्था
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा संचालित इस परियोजना में दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस की मदद ली जा रही है। ATMS के अंतर्गत 56.46 किलोमीटर लंबी सड़क को कवर किया गया है। जिसमें दो प्रमुख मार्ग शामिल हैं:
द्वारका एक्सप्रेसवे
दिल्ली-जयपुर हाईवे (महिपालपुर से खेड़की दौला टोल तक)
इन दोनों मार्गों पर 190 हाई-रेजोलूशन CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जो 24×7 ट्रैफिक पर नजर बनाए रखेंगे।
ट्रायल में मिले चौंकाने वाले आंकड़े
परीक्षण अवधि के दौरान यह सामने आया कि द्वारका एक्सप्रेसवे पर रोजाना 200 से अधिक वाहन निर्धारित गति से तेज चलते हैं। वहीं औसतन 600 चालान प्रतिदिन जारी किए गए, जिनमें सबसे ज्यादा चालान ओवरस्पीडिंग और दोपहिया नियम उल्लंघन से जुड़े थे। एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अब ये सिस्टम पूरा सक्रिय है और सभी उल्लंघनों पर रियल टाइम चालान जारी किए जाएंगे।
किन ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर कटेगा चालान?
ATMS प्रणाली के तहत निम्नलिखित नियमों के उल्लंघन पर चालान जारी किया जाएगा:
सीट बेल्ट न पहनना
हेलमेट न पहनना
दोपहिया वाहन पर तीन से अधिक सवार
गलत लेन में वाहन चलाना
हाईवे पर दोपहिया वाहन का चलना
गति सीमा का उल्लंघन (ओवरस्पीडिंग)
गलत दिशा में वाहन चलाना (रॉन्ग साइड ड्राइविंग)
सड़क पर वाहन खड़ा करना या रुकना
अनधिकृत या गलत पार्किंग
इनमें से किसी भी नियम का उल्लंघन होने पर CCTV कैमरा तस्वीर रिकॉर्ड करेगा और चालान सीधे पंजीकृत मोबाइल नंबर या घर के पते पर भेजा जाएगा।
चालान प्रक्रिया कैसे काम करती है?
वाहन का उल्लंघन CCTV कैमरे में रिकॉर्ड होता है।
कैमरा वाहन नंबर प्लेट को पढ़ता है और जानकारी कमांड सेंटर तक भेजता है।
कमांड सेंटर की AI आधारित प्रणाली वाहन और उसके मालिक की पहचान करती है।
संबंधित उल्लंघन का ई-चालान ऑनलाइन जनरेट होता है और मोबाइल/ईमेल पर भेजा जाता है।
यह पूरी प्रक्रिया स्वचालित है और इसमें मानव हस्तक्षेप नहीं होता।
कमांड सेंटर से हो रही हर गतिविधि की निगरानी
ATMS का कंट्रोल रूम एक कमांड सेंटर के रूप में कार्य कर रहा है, जहां 50 कर्मचारी तीन शिफ्टों में काम कर रहे हैं। वे लगातार CCTV फुटेज की निगरानी कर रहे हैं और नियमों का उल्लंघन होते ही सिस्टम तुरंत अलर्ट करता है। परियोजना ठेकेदार सुपरवेव कम्युनिकेशन के प्रबंध निदेशक अंशुमान सिंह ने बताया कि यह सिस्टम आधुनिकतम सॉफ्टवेयर और तकनीक से लैस है, जो बिना किसी देरी के चालान जारी करता है।
हाईवे पर सुरक्षित सफर की दिशा में बड़ा कदम
ATMS न केवल नियम तोड़ने वालों पर लगाम लगाने का काम करेगा, बल्कि इसके जरिए:
दुर्घटनाओं की संख्या में कमी
यातायात नियंत्रण में सुधार
आपातकालीन सेवाओं की त्वरित उपलब्धता
सड़क पर अनुशासन और ट्रैफिक व्यवहार में बदलाव सुनिश्चित किया जा सकेगा।
चालकों के लिए चेतावनी: अब सावधानी जरूरी
जो वाहन चालक अभी तक ट्रैफिक नियमों को हल्के में लेते थे। उनके लिए यह एक सख्त चेतावनी है। अब सड़क पर किसी भी तरह की लापरवाही सीधे ई-चालान में बदल जाएगी। खासतौर पर दोपहिया चालकों को हेलमेट और लेन डिसिप्लिन का पालन करना होगा। अन्यथा चालान झेलने के लिए तैयार रहें।