CBSE Board New Rule: CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। अब छात्र साल में दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे और जिन विद्यार्थियों को पहली परीक्षा में अपने अंकों से असंतोष रहेगा। वे दूसरी परीक्षा में बैठकर अपना प्रदर्शन सुधार सकते हैं। यह व्यवस्था छात्रों को दबावमुक्त परीक्षा अनुभव देने और बेहतर प्रदर्शन का अवसर देने के उद्देश्य से लागू की गई है।
दोनों में से बेहतर अंक होंगे फाइनल
CBSE बोर्ड के नए नियम के मुताबिक दोनों परीक्षाओं में से जिसमें छात्र को अधिक अंक मिलेंगे, वही फाइनल मार्क्सशीट में दर्ज किए जाएंगे। इस तरह से छात्र बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं और उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए मजबूत योग्यता बना सकते हैं।
हर छात्र को नहीं मिलेगा दोबारा परीक्षा का लाभ
इस नई प्रणाली में सभी छात्रों को दोबारा परीक्षा का मौका नहीं मिलेगा। बोर्ड ने कुछ शर्तें तय की हैं। जिनका पालन करना अनिवार्य है। यदि कोई छात्र इन शर्तों को पूरा नहीं करता, तो उसे दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
किन छात्रों को नहीं मिलेगा दोबारा परीक्षा देने का मौका?
CBSE ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई छात्र पहली बोर्ड परीक्षा में तीन या तीन से अधिक विषयों में शामिल नहीं होता, तो उसे दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। छात्र केवल तीन विषयों तक अपने प्रदर्शन को सुधारने का अवसर पा सकते हैं। इसका मतलब है कि यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में कम विषयों में बैठता है या बहुत अधिक विषयों में पीछे रह जाता है, तो वह इस फायदे से वंचित रह सकता है।
नई प्रणाली का लाभ और उद्देश्य
CBSE का यह कदम छात्रों को दबाव मुक्त वातावरण देने के लिए है, ताकि वे अपने शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार कर सकें। इसके साथ ही यह व्यवस्था NEP 2020 (नई शिक्षा नीति) के उद्देश्यों के अनुरूप भी है। जो छात्रों को लचीली और समावेशी शिक्षा प्रणाली प्रदान करने की बात करती है।
छात्रों और अभिभावकों के लिए जरूरी सावधानी
जो छात्र दूसरी परीक्षा का लाभ लेना चाहते हैं। उन्हें पहली परीक्षा में अधिकतम विषयों में भाग लेना चाहिए। अभिभावकों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बच्चा पहली परीक्षा में अनावश्यक अनुपस्थिति से बचे, ताकि बाद में उन्हें दूसरे मौके से वंचित न रहना पड़े।