कामदा एकादशी का व्रत कर पा सकते है आप इस बुरे कर्म से मुक्ति ,यहां जाने इसकी व्रत कथा

Saroj kanwar
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पंचांग के अनुसार इस बार को 19 अप्रैल को कांडा एकादशी आ रही है । हिंदू धर्म एकादशी तिथि का विशेष महत्व है । एकादशी का व्रत 19 अप्रैल 2024 को रखा जाएगा। इस व्रत को करने से व्यक्ति राक्षसी योनि से मुक्ति मिलती है। यह भी माना जाता है कि इस व्रत को करने से आपको स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इसे फलदा एकादशी भी कहते हैं। यहां जाने की इस ज्योतिष में एकादशी का महत्व क्या है।

कामना एकादशी का पुराणों में वर्णन है

ज्योतिष और हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभरम्भ 18 अप्रैल 2024 shaam 5 बजकर 31 मिनट पर होगा । इसका समापन 19 अप्रैल को संध्या काल 8:04 पर होगा। ऐसे में कांडा एकादशी का व्रत 19 अप्रैल को किया जाएगा। उन्होंने बताया की कामना एकादशी का पुराणों में वर्णन है। भगवान श्री कृष्णा युधिष्ठिर को कामना एकादशी की कथा सुनाई थी।

 कामदा एकादशी व्रत से जुड़ी कथा

पुरानी कथा के अनुसार प्राचीन काल में भोगीपुर में पुंडरीक नाम का एक राजा था। हमेशा भोग विलास में लिप्त रहता था। उसके राज्य में ललित और ललिता नाम की स्त्री पुरुष रहा करते थे। जिनमें अतः प्रेम था। एक दिन राजा की सभा में ललित गीत गए रहा था। इसी दौरान उसका ध्यान ललिता पर चला गया जिस वजह से उसका स्वर बिगड़ गया उसके गाने से विघ्न उत्पन्न हो गया यह देखकर राजा पुंडरीक क्रोधित हो गया और उसने ललित को राक्षस बनने का श्राप दे दिया।

पति की हालत देखकर ललित बहुत दुखी हुयी। उसने अपने पति को ठीक करने के लिए कई लोगों से मदद मांगी। तब किसी के बताने पर विंध्याचल पर्वत पर बने श्रृंगी ऋषि के आश्रम पहुंची। वहां जाकर उसने अपनी व्यथा सुनाई। ऋषि ने उसे कामदा एकादशी का व्रत रखने को कहा। इसके साथ ऋषि ने कहा कि व्रत की महिमा से तुम्हारा पति ललित फिर से मनुष्य योनि में आ जाएगा।

ऋषि के कहे अनुसार ,ललित ने भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए विधिपूर्वक कामदा एकादशी का व्रत किया। व्रत पूरा होने में भगवान विष्णु की कृपा से ललित फिर से मनुष्य योनि में आ गया। इस प्रकार दोनों को अपने जीवन के कष्टों से मुक्ति मिल गई। इसके बाद में लगातार कामदा एकादशी का व्रत करने लगे जिससे अंत में दोनों की मोक्ष कीप्राप्ति हुई।

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