मणिपुर की राजधानी इंफाल के एक इंजीनियरिंग छात्र ने लगभग 50 साल से अधिक पुराने एक विंटेज को इलेक्ट्रिक स्कूटर में तब्दील कर दिया। इसकी चर्चा आज देश भर में हो रही है। इंजीनियरिंग छात्र अल्बर्ट सारंगथेम ने 3 साल पहले एक मोटरसाइकिल को भी इसी तरह इलेक्ट्रिक बाइक में बदल दिया था। छात्र ने इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को ‘सामाडोन ईवी-II’ नाम दिया है जिसका अर्थ प्राचीन मैतेई पुरानी कथाओं में पंख उड़ने वाला घोड़ा है। इंजीनियरिंग छात्र ने बताया कि यह विंटेज स्कूटर के दादा की 50 साल पुरानी बजाज 150 स्कूटर थी जो किसी रिश्तेदार के यहां पड़ी पड़ी जंग खा रही थी।
कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा
यही से उसे रिनोवेट स्कूटर को रिनोवेट करने का आइडिया आया। इस स्कूटर के खराब पड़े इंजन को हटाकर इसमें इलेक्ट्रिक मोटर और लिथियम आयन बैटरी लगा दी गई है। इसी स्कूटर को लगभग ढाई घंटे तक चार्ज करने के बाद 50 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर को इलेक्ट्रिक बदलने के लिए अल्बर्ट ने इंजन कॉरपोरेटर और संबंधित कॉम्पोनेंट्स को हटा दिया। उनकी जगह मोटर स्पीड, कंट्रोलर बैटरी और अन्य आवश्यक कॉम्पोनेंट्स लगा दिए हालांकि अल्बर्ट को इसमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
स्कूटर को तैयार करते समय उसे कहीं जरूरी कंपोनेंट बाजार में नहीं मिले जिससे ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ी है। इस वजह से उसे स्कूटर को मेकओवर प्रक्रिया को 8 महीने तक बढ़ाना पड़ा। स्कूटर को बनाने में कई रूकावटों के बाद भी अल्बर्ट ने अपना काम जारी रखा और स्कूटर को बेहतर बनाने के लिए इंटरनेट की मदद ली। उसने कई रिपेयरिंग शॉप पर जाकर स्कूटर बनाने की तकनीकी बारीकियां को भी जाना। मेकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र अल्बर्ट सारंगथेम के कौशल को देखते हुए मणिपुर के ट्रांसपोर्ट मंत्रीखशिम वाशुम ने उसे आर्थिक रूप से परिष्कृत किया और 2022 में अपने अल्बर्ट को इंजीनियरिंग संस्थान से प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया गया।
ट्रांसफर वाहनों का पंजीकरण अनिवार्य
बता दें ईंधन से चलने वाले वाहन को इलेक्ट्रिक में बदलवाने के लिए स्थानीय आरटीओ से अप्रूवल की जरूरत होती है। बिना अप्रूवल के ऐसे किसी भी को वाहन चलाना गैर कानूनी होता है और ऐसा करने पर जुरमाना भी भरना पड़ सकता है। अप्रूवल के बाद वाहन के लिए एक नया नंबर प्लेट जारी किया जाता है।