बिहार सरकार ने ग्रामीण इलाकों में जनसंख्या को दूर करने के लिए फ्री बोरिंग स्कीम शुरू की है। इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में निशुल्क बोरवेल की सुविधा प्रदान की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानो और ग्रामीण निवासियों को सस्ते और सुरक्षित जल स्रोत मुहैया कराना है ताकि वह कृषि कार्यों के लिए पानी की कमी से ना जूझे और उनका जीवन स्तर सुधार सके।
योजना के लाभार्थियों को आवेदन प्रक्रिया के दौरान को शर्तों का पालन करना पड़ता है
इस योजना के तहत योग्य किसानों को ग्रामीणों का आवेदन करने पर सरकार बोरिंग की लागत को कवर करती है जिससे उन्हें पानी के लिए अधिक खर्च नहीं करना पड़ता। यह पहल खास तौर पर इन इलाकों में प्रभावी है जहाँ पानी की भारी कमी है और पारंपरिक जलस्रोत सूख चुके है। योजना के लाभार्थियों को आवेदन प्रक्रिया के दौरान को शर्तों का पालन करना पड़ता है जैसे कि उनकी भूमिका स्थान ,जल की उपलब्धता आदि।
बिहार सरकार की फ्री बोरिंग स्किम का फायदा मुख्य रूप से निम्नलिखित व्यक्तियों और समूह को मिलेगा
किसान –यह योजना किसानों के लिए खासतौर पर लाभकारी है क्योंकि इसके तहत कृषि कार्यों के पानी की कमी से बचने के लिए निशुल्क बोरवेल की सुविधा मिलती है। इससे उनकी फसलों के लिए आवश्यक जल स्रोत उपलब्ध होगा। खास कर उन क्षेत्रों में जहां जलसंकट है।
ग्रामीण क्षेत्र के निवासी -जो लोग ग्रामीण इलाको में रहते है और पानी की प्रयाप्त सुविधा नहीं है। वह इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इससे उनके घरों में आसपास जल स्रोत स्थापित हो सकते हैं।
जल संकट से प्रभावित क्षेत्र –बिहार के क्षेत्र जहां पानी की कमी है यह सूखा प्रभावित है वहां के निवासियों को इस योजना से विशेष लाभ होगा।
ग्रामीण शहरी सीमा के करीब –ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जो शहरी सीमा के करीब है और जिनमे नल जल योजना या अन्य जिला पूर्ति व्यवसाय प्राप्त नहीं है उनके लिए योजना मददगार साबित हो सकती है।
योग्यता
योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को कुछ निर्धारित शर्तो का पालन करना पड़ता है।
आवेदन करने वाले व्यक्ति को संबंधित ग्राम पंचायत से अनुमोदित प्राप्त करना होगा।
बोरिंग का स्थान और जलस्तर की स्थिति मूल्यांकन किया जाएगा।
योजना मुख्य रूप से व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए है कि जल संकट से प्रभावित होने स्वच्छ और सुरक्षा जालस्रोत की आवश्यकता है।