10 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद बीएड कोर्स में बड़ा बदलाव होने जा रहा है नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यूनिवर्सिटी ने एक वर्षीय बीएड कोर्स की अनुमति दे दी। यह बदलाव 4 वर्षीय स्नातक करने वाले छात्रों के लिए है। शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाएगा। क्योंकि यह कोर्स की अवधि को छात्रों की शैक्षणिक पृष्ठभूमि के अनुसार अनुकूल बनाता है।
4 वर्षीय b.Ed कोर्स को पेश किया गया था
पिछले कुछ वर्षों में 4 वर्षीय b.Ed कोर्स को पेश किया गया था जिसका उद्देश्य छात्रों को प्रारंभिक चरण सेशिक्षण के लिए तैयार करना था। इस कोर्स ने उन्हें एकीकृत ज्ञान प्रैक्टिकल और प्रेक्टिकल अनुभव प्रदान किया। हालाँकि उन छात्रों के लिए उपयोग नहीं था जो स्नातक डिग्री पहले ही हासिल कर चुके थे। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए 1 वर्षीय b.Ed कोर्स को फिर से शुरू किया जा रहा है जिसे स्नातक छात्र तेजी से शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश कर सके ।
2030 तक दो वर्षीय बीएड कोर्स की पूरी तरह समाप्त करने की योजना है। इसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को सरल और अधिक प्रभावी बनाना है। यह योजना नई शिक्षा नीति के तहत लागू की जा रही है जो शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार और शिक्षा को अधिक स्वरूप बनाने पर जोर देती है।
एक वर्षीय बीएड: कैसे करेगा बदलाव
एक वर्षीय बीएड कोर्स उन छात्रों के लिए जिन्होंने पहले स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है। यह कोर्स न केवल समय की बचत करेगा बल्कि छात्रों को तेजी से पेशेवर बनने का अवसर देगा।
इस कोर्स की मुख्य निम्नलिखित बातें शामिल होगी।
सिद्धांत और प्रैक्टिकल का संयोजन: कोर्स में थ्योरी और क्लासरूम प्रैक्टिस का संतुलन रहेगा।
समय की बचत: यह कोर्स 1 वर्ष में पूरा होगा, जिससे छात्रों को जल्द ही रोजगार के अवसर मिलेंगे।
किफायती विकल्प: कम अवधि के कारण, यह कोर्स आर्थिक रूप से अधिक अनुकूल होगा।
b.Ed कोर्स में बदलाव का प्रभाव
शिक्षा क्षेत्र में यह बदलाव कई स्त्रो पर प्रभाव डालेगा
छात्रों के लिए अवसर – यह कदम छात्रों के फायदेमंद होगा जो स्नातक के पास शिक्षण क्षेत्र में कैरियर बनना चाहते हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधार – एनसीटीई का मानना है कि यह बदलाव शिक्षकों की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर समानता: यह बदलाव शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करेगा।