कुछ नवजात शिशुओं पर जन्म से ही लाल रंग के निशान होते हैं। कभी-कभी हमें लगता है आम है। लेकिन कई बार यह सैल्न पैच की ओर इशारा करते हैं। इन्हे नजरअंदाज करना कई बार शिशु की ग्रोथ और उनके शरीर को प्रभावित कर सकता है। यह पैचेज गुलाबी रंग के होते हैं जिन्हें ‘एंजल किस’ नाम के साथ जानी जाती है। यह शिशु के मुँह , गर्दन और नाक के आसपास की हिस्सों में पाए जाते हैं।
शरीर पर यह निशान लंबे समय तक बने हुए हैं
एक्सपर्ट के मुताबिक सैल्मन पैच एक प्रकार की गुलाबी या फिर लाल या बैंगनी रंग की ब्लड वेसल्स का ही ग्रुप है ,जो आमतौर पर शिशु की गर्दन ,सर के पीछे ,भौंहों के बीच ,पलको के ऊपर या फिर कई बार मुंह के आसपास की त्वचा पर दिखाई देते हैं। ज्यादातर मामलों में निशान 2 साल के अंदर ठीक हो जाते हैं। अगर शिशु के शरीर पर यह निशान लंबे समय तक बने हुए हैं तो एक समस्या का संकेत भी हो सकता है।
सैल्मन पैच के लक्षण
सैल्मन पैच होने पर शरीर में कई लक्षण देखने को मिलते हैं। शिशु की जन्म से लेकर 1 महीने बाद तक यह पैचेस हो सकते हैं।
सेल्वन पैच होने पर अपर लिप्स ,माथेऔर गर्दन के पीछे के हिस्से में निशान देखने को मिल सकते हैं।
शिशु की रोते समय यह निशान हल्के , लाल ,पिले ,बैंगनी हो सकते हैं तो यह सैल्मन पेंच हो सकता है।
अगर शिशु की उंगली दबाने पर निशान का रंग बदलने लगता है तो यह भी सैल्मन पैच का संकेत है।
पलस्ड डाई लेजर थेरेपी का इस्तेमाल करके निशानों को हटाया जाता है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक , यह 18 महीने की भीतर शरीर से खुद ही चले जाते हैं। अगर निशान लंबे समय बाद नहीं जा रहे है तो ऐसे डॉक्टर द्वारा पलस्ड डाई लेजर थेरेपी का इस्तेमाल करके निशानों को हटाया जाता है। इस थेरेपी के बाद निशान शिशु के निशान त्वचा से गायब हो जाते हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक , सैल्मन पैच बच्चों के शरीर से 18 महीने 2 साल के अंदर खुद ही शरीर से चले जाते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो फिर जरूरत होगी डॉक्टर से सलाह लेने की। डॉक्टर्स पलस्ड डाई लेजर थेरेपी का इस्तेमाल करके निशानों को हटाते हैं।