Anganwadi Ration Scheme :आंगनवाड़ी में मुफ्त राशन में नही चलेगा फर्जीवाड़ा, इस तरीके से रखी जाएगी सख्त निगरानी

Saroj kanwar
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Anganwadi Ration Scheme: फर्जी लाभार्थियों पर लगाम कसने और राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए बाल विकास एवं महिला सशक्तीकरण विभाग ने अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर टेक होम राशन योजना के तहत बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। अब केवल उन्हीं लाभार्थियों को राशन मिलेगा जिनकी पहचान पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से सत्यापित हो चुकी हो।

डिजिटल सत्यापन से बढ़ेगी पारदर्शिता

डोईवाला ब्लॉक समेत देहरादून जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में इस नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। योजना के तहत अब लाभार्थियों को अपने आधार कार्ड को मोबाइल नंबर से लिंक करना जरूरी होगा। राशन वितरण से पहले पोषण ट्रेकर ऐप के जरिए फेस बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाएगा और आधार में दर्ज मोबाइल नंबर पर OTP प्राप्त होने के बाद ही राशन दिया जाएगा।

इन लाभार्थियों को मिलता है टेक होम राशन

टेक होम राशन (THR) योजना के तहत गर्भवती महिलाएं, धात्री महिलाएं और 6 महीने से 3 वर्ष तक के बच्चे लाभार्थी होते हैं। इन्हें प्रति माह करीब 3.8 किलोग्राम गेहूं और उतनी ही मात्रा में चावल वितरित किया जाता है। अब यह राशन केवल उसी लाभार्थी को मिलेगा। जिसकी पहचान डिजिटल रूप से सत्यापित हो चुकी हो।

पहले की व्यवस्था में थी लापरवाही की गुंजाइश

ऋषिकेश के गीता नगर-1 की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिंकी भट्ट बताती हैं कि पहले राशन वितरण की प्रक्रिया ऑफलाइन थी। लाभार्थी के स्थान पर उसके परिवार का कोई सदस्य भी राशन लेने आ जाता था और रजिस्टर पर हस्ताक्षर के बाद राशन दे दिया जाता था। लेकिन अब यह संभव नहीं होगा। अब केवल लाभार्थी की डिजिटल पहचान सत्यापित होने पर ही राशन मिलेगा।

‘पोषण ट्रैकर’ से होगी निगरानी और जवाबदेही

इस योजना को सफल बनाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार द्वारा मोबाइल फोन वितरित किए गए हैं। जिनमें पोषण ट्रैकर ऐप पहले से इंस्टॉल है। यह ऐप न सिर्फ लाभार्थी की बायोमेट्रिक पहचान करता है। बल्कि इसके जरिए कार्यकर्ता की कार्य निष्पादन और सक्रियता पर भी नजर रखी जा सकेगी। इससे फर्जी लाभार्थियों पर रोक लगेगी और केंद्रों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी।

फर्जीवाड़े की मिलती रही थीं शिकायतें

विभाग के अनुसार पहले एक ही लाभार्थी एक से अधिक केंद्रों से THR योजना का लाभ लेता रहा है। कुछ लाभार्थी शहर में भी योजना का लाभ लेते थे और फिर गांव में भी पंजीकरण करवा लेते थे। साथ ही कई क्षेत्रों में यह भी शिकायत मिलती रही कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियमित रूप से केंद्र नहीं चलातीं और फर्जी नाम जोड़कर लाभ दर्शाती थीं। अब बायोमेट्रिक सत्यापन से इन सभी गड़बड़ियों पर लगाम लगाई जा सकेगी।

जवाबदेही तय करने की दिशा में बड़ा कदम

यह नई व्यवस्था सिर्फ लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने तक सीमित नहीं है। बल्कि इसका उद्देश्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी भी तय करना है। पोषण ट्रैकर ऐप के जरिए अब प्रत्येक राशन वितरण की डिजिटल एंट्री होगी। जिससे विभाग सीधे निगरानी कर सकेगा कि किस दिन कितने लाभार्थियों को राशन दिया गया।

क्या करना होगा लाभार्थियों को?

  • किसी और के माध्यम से राशन प्राप्त करने की सुविधा अब समाप्त कर दी गई है।
  • आधार कार्ड और मोबाइल नंबर को लिंक कराना अनिवार्य है।
  • राशन प्राप्त करने के लिए स्वयं लाभार्थी को उपस्थित होना अनिवार्य है।
  • बायोमेट्रिक फेस वेरिफिकेशन के बाद ही OTP के जरिए राशन मिलेगा।
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