Agriculture Department Action: पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं. यह फैसला गुणवत्ता कंट्रोल अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया. जिसमें प्रदेश के कई जिलों के पीछे रहने पर नाराज़गी जताई गई.
साप्ताहिक समीक्षा और जवाबदेही होगी तय
मंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन जिलों में गुणवत्ता अभियान के लक्ष्यों से पिछड़ापन दिखा, वहां के संबंधित अफसरों की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी. जवाबदेही तय करने और सुधार की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
CM भगवंत मान की सरकार नहीं बरत रही कोई नरमी
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने दो टूक कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार गुणवत्ता में किसी भी तरह की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेगी. दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख़्त अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.
डॉ. बसंत गर्ग ने दिए कृषि उत्पादों की सैंपलिंग तेज़ करने के निर्देश
बैठक में उपस्थित कृषि विभाग के प्रशासनिक सचिव डा. बसंत गर्ग ने निर्देश दिया कि सभी जिलों में तय लक्ष्यों के अनुसार कृषि सामग्री की सैंपलिंग की जाए. उन्होंने कृषि डायरेक्टर को निरंतर निगरानी बनाए रखने और समय पर सुधारात्मक कदम उठाने की भी सिफारिश की.
जानिए कितने नमूने फेल हुए और कहां दर्ज हुई FIR
कृषि विभाग के डायरेक्टर स. जसवंत सिंह ने बताया कि 1 अप्रैल 2025 से अब तक जो नमूने लिए गए हैं, उनमें कई मामलों में गुणवत्ता की गंभीर खामियां पाई गईं:
कीटनाशकों के 826 नमूनों में से 16 नमूने गलत ब्रांडिंग वाले पाए गए.
खाद के 737 नमूनों में से 11 घटिया गुणवत्ता के निकले, जिन पर 2 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं.
बीजों के 2113 नमूनों में से 49 गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे.
डायरेक्टर ने बताया कि इन मामलों में डीलरों और कंपनियों पर उचित कार्यवाही शुरू कर दी गई है.
किसानों की सुरक्षा के लिए बनाई गई फ्लाइंग स्क्वायड टीमें
कृषि विभाग ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि सामग्री मुहैया कराने के लिए पाँच फ्लाइंग स्क्वायड टीमें गठित की हैं. इन टीमों का उद्देश्य है कि बाज़ार में घटिया गुणवत्ता वाले बीज, खाद या कीटनाशक किसानों तक न पहुंच सकें.
खरीफ सीजन की तैयारियों की भी हुई समीक्षा
बैठक में प्रदेश में चल रही खरीफ फसल की बुवाई संबंधी कार्यों की भी समीक्षा की गई. इसमें यह सुनिश्चित किया गया कि किसानों को समय पर आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं और फसल उत्पादन में किसी प्रकार की बाधा न आए.