सतसंग में 121 की लोगो की मौत के बाद बाबा के सेवादार ने लोगो को दिया ये जवाब ,बोले जो आया है उसको….

Saroj kanwar
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हाथरस सिटी में मौत का मातम है । सत्संग में हुयी भगदड़ में 121 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। ‘बाबा भोलेनाथ’ के सत्संग के देश इस हादसे से पूरा देश सदमे में है। बाबा अभी लापता है वही उसके सेवादारों में इतनी मौतों के बाद भी अलग ही तेवर है। एक न्यूज चैनल ने बाबा के रामकुंडी आश्रमों के सेवादार से फोन पर बात की बताया जो जवाब कुछ था वह हैरत करने वाला था।

अन्य सेवादारों के खिलाफ प्राथमिक दर्ज की गई है

फोन पर बाबा भोले के सेवादार विनोद बाबू ने कहा की इस हादसे से प्रभु और मुख्य सेवादार देव प्रकाश की कोई गलती नहीं है ‘जो आए हैं उनको जाना ही है ‘ हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान भगदड़ के मामले में पुलिस ने मुख्य खिलाफ प्राथमिक के अध्यक्ष के मंगलवार को हुयी भगदड़ घटना 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार दिन रात सिकंदराराऊ और थाने मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ प्राथमिक दर्ज की गई है।

हाथरस जिलों के अलावा और भी कई शहरों के लोग सत्संग में पहुंचे थे

अधिकारी ने बताया कि न्याय संहिता की धारा 150 ,110 ,126 ,233 और 228 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है । बाबा नारायण हरि उर्फ सरकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ भोले बाबा ने करीब दो दशक से अधिक समय पहले पुलिस की नौकरी छोड़ आध्यात्मिक की और रुख किया था। इसके बाद से उनके अनुनाइयो की तादाद बढ़ती गई। बाबा की प्रभाव और अनुनाइयो का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार की रात को उत्तर प्रदेश शासन की ओर से भगदड़ में जिन मृतकों की सूची जारी की गई थी उनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एटा और हाथरस जिलों के अलावा और भी कई शहरों के लोग सत्संग में पहुंचे थे।

भक्तों की संख्या बढ़ने लगी उनके सत्संग में बड़ी संख्या में लोग जुड़ने लगे

बाबा के समागम में जाने वाले में अधिकांश महिलाएं हैं। पुलिस के सेवन एंट्री आईपीएस अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि ,कासगंज जिले के पटियाले थाना क्षेत्र के बहादुर नगर के मूल निवासी करीब 70 वर्षीय बाबा भोले नाथ का असली नाम सूरजपाल है उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के सूरजपाल ने करीब दो दशक पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर आध्यात्मिक की और रुख लिया। भोले बाबा बनने के बाद उनके भक्तों की संख्या बढ़ने लगी उनके सत्संग में बड़ी संख्या में लोग जुड़ने लगे।

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