देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की नीति और योजनाओं का जमीन पर बड़ा असर दिख रहा है। इन्हीं योजनाओं की वजह से भारत में पिछले 10 सालों के दौरान गरीबों की संख्या काफी तेजी से घटी है। द वर्ल्ड क्लॉक की रिपोर्ट की माने तो ,भारत में अब एक्सट्रीम पॉवर्टी तीन प्रतिशत से भी नीचे चली गई यानी की डिग्री की सीमा से भारत के लोग तेजी से बाहर आए हैं।
भारत की कुल जनसंख्या 143 करोड़ से ज्यादा है
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की कुल जनसंख्या 143 करोड़ से ज्यादा है जिसमें से 3.5 करोड़ के करीब लोग अत्यधिक गरीबों की सीमा में है जो कुल जनसंख्या का मात्र 2% की करीब है। इससे पहले नीति आयोग के द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया था कि 9 साल में 24 पॉइंट 82 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर निकले।
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि उत्तर प्रदेश ,बिहार और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा लोग अत्यधिक गरीबी की रेखा से बाहर निकले हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट में यह भी दर्शाता है कि 2013-14 में बहुआयामी गरीबी जो 29 पॉइंट 17 प्रतिशत थी घटकर 2022-23 में मात्र 11 पॉइंट 28% रह गई।
तेज रफ्तार से गरीब राज्यों में गरीबी घटी है
रिपोर्ट में यह दर्शाया गया था कि तेज रफ्तार से गरीब राज्यों में गरीबी घटी है और इसकी वजह से आर्थिक असमानता में कमी आई है। अब ऐसे में द वर्ल्ड पार्टी क्लॉक की रिपोर्ट की माने तो भारत जैसे विशाल देश जहां कई तरह की विविधता है इसके बावजूद भी गरीबी रेखा में आई कमी इस बात को दिखा रही है कि देश में लगातार गरीबों की संख्या कम हुई है।
विश्व बैंक की तरफ से जा रही है की रिपोर्ट में यह दर्शाया गया था कि 2011 से 2019 के बीच गरीबों की संख्या संख्या में 12.3% की कमी आई है। ऐसे में द वर्ल्ड पॉवर्टी क्लॉक की रिपोर्ट की माने तो भारत में गरीबों की संख्या आज भी ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक है।
अत्यधिक गरीबों की संख्या का 94% हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है
इस रिपोर्ट के अनुसार ,भारत में कुल अत्यधिक गरीबों की संख्या का 94% हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है जबकि शहरी क्षेत्र में मात्र 6% अधिक गरीब ही रहते हैं। वहीं इसके साथ ही विश्व बैंक की तरफ से पूर्व में जारी एक पॉलिसी रिसर्च पार्किंग पेपर के आंकड़ों की माने तो कांग्रेस राज्य में भारत रिकॉर्ड 22.5 लोग अत्यधिक गरीब की श्रेणी में थे।