सर्दियों में पशुओ का बचाव करने के लिए अपनाए ये तरीका ,नहीं तो दूध हो जायेगा कम

Saroj kanwar
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सर्दियों के सीजन की शुरुआत हो चुकी है । ऐसे में पशुओ का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है वरना इनमें कई तरह की बीमारी फैलने लगती है। पशुओं की बीमार होने से उनके दूध देने की क्षमता पर भी काफी असर पड़ता है। इसके कारण आपको सर्दियों के मौसम में पशुओं का काफी खास ध्यान रखना पड़ता है। यहां जानते है पशुओ को ध्यान कैसे रखना है।

पशुओ का ध्यान ऐसे रखें

सर्दी के मौसम पर्वतीय इलाको तापमान लगातार गिरता जा रहा है । उत्तराखंड की राजधानी लाखों में लगभग न्यूनतम तापमान 8 से 2 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 25 से 26 डिग्री सेल्सियस तक का रिकॉर्ड किया गया। इन सर्दियों का असर पशुओ पर पड़ता है।

पहाड़ी इलाकों में तापमान गिरने की वजह से पशुओं को सर्दी ,जुखाम ,बुखार और साँस संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है वही भेड़ बकरियों में सर्दियों के समय साथ संबंधित बीमारी उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में पशुओं को सर्दी से बचने के लिए आपको बड़ी और गौशाला के अच्छे तरीके से ढकने की व्यवस्था करनी होगी जिसके साथ ही सर्दियों में पशुओं का पानी हल्का सा गर्म करके पिलाना चाहिए साथ में अगर इनको नहलाते हैं तो आपको अपनी को गर्म करने की पशुओं को नहीं लाना है।

पशुओं के रखने की व्यवस्था जहां पर की गई है मतलब गौशाला को आपको साफ सुथरा रखना है और फर्श को सूखा हुआ रखना है ठंड से पशुओं को बचाने के लिए आपको पशु का बिछावन थोड़ा मोटा रखना चाहिए खिड़कियों पर बोरी व टाट पर ध्यान दें।

सर्दियों के मौसम में आपको पशुओं के चारे में दाने की मात्रा को बढ़ाना चाहिए जिससे कि उनको भरपेट खाना मिल सके पशुओं को ऐसा आहार उपलब्ध करवाना चाहिए जिसमें ऊर्जा, प्रोटीन, खनिज तत्व, पानी, विटामिन व वसा आदि पोषक तत्व शामिल हो। साथ ही पशुओं को हरे चारे में बरसीम जरूर खिलाएं।
सर्दियों के मौसम में सिर्फ हरे चारे से पशुओं को अपच जैसी दिक्कत होने लगती है तो आपको ऐसे में हरे चारे के साथ में सूखा चारा मिला करके पशुओं को खिलाना चाहिए। इसके साथ ही आपको पशुओं को डाइट में अनाज के तौर पर गेहूं का दलिया, खल, चना, ग्वार, बिनोला, झींगोरे का भात आदि खिलाना चाहिए।
पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान गिरने के बाद आपको पशुओं के रखरखाव में इस तरह का ध्यान देना होगा तभी पशुओं को कई दिक्कतों से छुटकारा मिलेगा।

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