16 साल की जमी जमाई नौकरी छोड़ शख्स ने किया पत्नी के कहने पर बिजेनस शुरू ,लगातार मेहनत से बना दिया फैक्ट्री का मालिक

Saroj kanwar
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अच्छी खासी नौकरी को अलविदा कहकर किसी भी तरह की बिजनेस की शुरुआत करना के बच्चों का खेल नहीं है। बड़े बुजुर्गों की कही ये बात अक्सर कई लोगों के मन में बिजनेस करने की जिज्ञासा का गला घोंट देती है। लेकिन पेशे से इंजीनियर पटना के 50 वर्षीय सुरेंद्र कुमार नीरज किसी और ही मिट्टी के बने हुए इंसान है तभी तो लाखो की नौकरी छोड़कर और लोगों को रोजगार देने के अपने फैसले पर पत्नी विनती कुमारी के साथ अपने माता-पिता का भी भरपूर साथ मिला।

हिस्ट्री से ग्रेजुएट 41 साल की विनती कुमारी ने इंटरनेट पर पीएचपी योजना के बारे में पता लगाया । उन्होंने बताया कि इंटरनेट पर गूगल की मदद से उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बारे में जानकारी मिली इसके बाद उन्होंने अपने पति को लोन की प्रक्रिया के बारे में बताया।

अपनी फैक्ट्री को दूसरी जगह शिफ्ट किया

और 25 लाख का लोन लेकर उन्होंने अपनी फैक्ट्री को दूसरी जगह शिफ्ट किया साथ ही कई मशीन भी लगाई। बिजली की निर्बाध आपूर्ति और लगातार मेहनत मेहनत का परिणाम यह हुआ कि पटना में पॉलिनेट एक ब्रांड के रूप में स्थापित हो चुका है। विनती बताती है कि पटना की वॉटर टैंक की फैक्ट्री से सालाना एक से डेढ़ करोड़ का टर्नओवर हो जाता है। अच्छी कमाई के साथ ही इस काम से कइयों को भी रोजगार मिल रहा है। बता दे की बेंगलुरु से अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर सुरेंद्र नागार्जुन फर्म में मेकेनिकल इंजीनियर के तौर पर कई साल काम भी किया। सुरेंद्र कहते हैं इसी वजह से मशीनों के बारे में काफी जानकारियां भी हासिल की थी जो इस फैक्ट्री में काम आ रही है।

पत्नी के साथ के बिना यह सब संभव नहीं हो पता

सुरेंद्र कहते हैं की पत्नी के साथ के बिना यह सब संभव नहीं हो पता। सुरेंद्र बता दें कि उनकी पत्नी विनीता का मानना है कि ‘चेंज द क्वालिटी एंड क्वालिटीविल चेंज यू ‘मतलब अगर आप क्वालिटी का पीछा करेंगे तो क्वांटिटी अपने आप बढ़ जाएगी। सुरेंद्र की माने तो 16 साल पहले जमीन जमाई नौकरी छोड़कर जब उन्होंने बिजनेस शुरू किया तो बिजली की आपूर्ति नहीं होने से उन्हें बिजनेस में कुछ घाटा लग गया था इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और पत्नी की मदद से पटना के पाटलिपुत्र में स्थित डीआईसी की सलाह से पीएमईजीपी योजना का लाभ उठाया। इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी के साथ 15 दोनों का ईडीपी कोर्स भी किया जिससे उन्हें बिजनेस की प्लानिंग में काफी मदद मिल।

25 से शुरू होती है टंकी की रेंज

बता दे की सुरेंद्र अपने कारखाना में 500 से लीटर से लेकर 2000 लीटर की वॉटर टैंक बनाते हैं जिसकी कीमत 2500 से लेकर 20000 तक होती है। अब आलम यह है कि साल में 25000 से 30000 वॉटर टैंक की बिक्री हो जाती है। वही पानी की टंकी के बिजनेस में सफलता पाने के बाद सुरेंद्र पटना में पॉलिनेट कंपनी की पीवीसी पाइप भी बना रहे हैं। क्वालिटी के कारण पानी की टंकी की तरह यह भी खूब बिक रही है। सुरेंद्र बताते हैं कि पानी की टंकी की क्वालिटी उसकी लेयरिंग पर निर्भर करती है जितनी ज्यादा लेयरिंग होगी टंकी उतनी ही मजबूत होगी।

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