अब हाइवे पर अपनी मर्जी से स्पीड लिमिट नहीं तय कर सकता कोई भी राज्य ,यहां जाने क्या है केंद्र सरकार का नया नियम

Saroj kanwar
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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय मोटर वाहन कानून में फिर से कई अहम संशोधन करने जा रही है। 2019 पिछली बार व्यापक संशोधन किये गए थे ,जिनके तहत सड़क सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन पर सजा के प्रावधान और कड़े किए गए थे। नए संशोधनों में राज्य की हाईवे पर गति सीमा निर्धारित करने के अधिकार सीमित किए जा सकते हैं।

100 किलोमीटर तथा एक्सप्रेसवे 120 किलोमीटर प्रति घंटे की सीमा निर्धारित की गई थी

इधर कई राज्यों के संदर्भ में शिकायत आती रहती है कि वे सुरक्षा को लेकर अपनी ओर से उपयुक्त कदम उठाने की बजाय गति सिमा काफी कम कर देना आसान विकल्प समझते है राजमार्ग एक्सप्रेस वे का उद्देश्य प्रभावित होता है । पिछले साल गति सीमा को लेकर एक समिति के सिफारिश के राजमार्गो पर अधिकतम 100 किलोमीटर तथा एक्सप्रेसवे 120 किलोमीटर प्रति घंटे की सीमा निर्धारित की गई थी।

राज्य हाइवे और एक्सप्रेस वे की इस सिमा को बढ़ाने की मांग करते रहते है

पंजाब और कर्नाटक जैसे राज्य हाइवे और एक्सप्रेस वे की इस सिमा को बढ़ाने की मांग करते रहते है लेकिन अधिंकाश राज्य इसे ही ज्यादा मानते है और दुर्घटनाओं की आशंका को खत्म करने के लिए उससे कहीं कम सीमा तय कर देते हैं। इससे वाहन के मन भी असमंजस भी पैदा होता है। व्यवसायिक वाहन चलाने के लिए डीएल नियमो में भी बदलाव नए संसोधनो में व्यवसायिक वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस पर नियमो में बदलाव होगा।

हल्के मोटर वाहन चलाने के लाइसेंस के बारे में कुछ व्यावसायिक वाहनों को भी शामिल किया जा सकता है

हल्के मोटर वाहन चलाने के लाइसेंस के बारे में कुछ व्यावसायिक वाहनों को भी शामिल किया जा सकता है। अभी हल्के मोटर वाहन के लाइसेंस के जरिए छोटे व्यावसायिक वाहन चलाये जा रहे हैं। लेकिन बीमा कंपनी इससे जुड़ी विसंगतियों के कारण क्लेम देने से मना किया और कई मामले सुप्रीम कोर्ट पहुंचे है । सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने वादा किया है कि वह ड्राइविंग लाइसेंस के संदर्भ में राज्य के साथ परामर्श के बाद नए नियम बनाएगा।

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