बच्चों से चिल्लाकर बात करना अभी से करे बंद ,आपके और बच्चे के भविष्य के लिए है बहुत जरूरी ,यहां जाने क्या कहते है एक्सपर्ट्स

Saroj kanwar
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भाहति दौड़ती जिंदगी में हर किसी के पास समय की कमी है। सभी लोग अपने काम इतने बिजी है की चाहते हैं कि वो जब समय मिल जाए तो उसे बचा ले। इसी वजह से वो चाहते हैं कि उनका हर काम तुरंत हो जाए उनकी किसी भी चीज का इंतजार ना करना पड़े। जब आपको एक बार इंतजार ना करने की आदत पड़ जाती है जिससे धैर्य की कमी होने लगती है।

आजकल के बच्चों में खास कर धैर्य की कमी देखी जा रही है जो बच्चों को पेरेंट्स के भी सबसे ज्यादा लड़ाई का कारण बनता है जो बच्चे पेरेंट्स की बात नहीं सुनते तो ओपन पर गुस्सा करते हैं या उन पर चिल्लाने लगते हैं। जो पेरेंट्स और बच्चों के बीच के रिश्ते खराब करने का कारण बनता है आज हम आपको कुछ टिप्स बताते हैं अगर आप भी इन्हे फॉलो करने लगेंगे तो आपको भी बच्चों पर कभी चिल्लाना नहीं पड़ेगा।

आजादी देनी होगी

आज के समय से है कि आप अपने बच्चों के साथ स्ट्रीक नहीं रह सकते। आपको उनका दोस्त बनना होगा नहीं तो वो आपसे दूर हो जाएंगे। इसके लिए बच्चों के साथ स्ट्रिक्ट न हो साथ ही उम्मीद ना करें कि बच्चा आपकी सारी बात माने जैसा आप कह रहे हैं वैसा ही करें । बच्चों को आजादी देना जरूरी है। उसे अपने मन की करने कभी थोड़ा मौका दें और आप उसे जैसे ही सपोर्ट करेंगे वह भी आप पर इतना भरोसा कर सकेगा ।

सम्मान दे

अगर आप चाहते हैं कि बच्चा आपकी बात माने रिस्पेक्ट करें तो आपको भी उसकी रिस्पेक्ट करने की जरूरत है। आप उनकी जरूरत को रिस्पेक्ट करें। अगर वह कुछ करना चाहते हैं और वह किया जा सकता है तो उसे करने की इजाजत दें जिससे वह खुश भी हो जाएगा और बाद में आपकी बात भी मानेगा ।

खुद भी धैर्य रखें

अगर आप भी चाहते हैं कि आपके बच्चे में धैर्य होना जरूरी है तो उसके लिए आपको खुद में भी धैर्य लाने की जरूरत है । इसके लिए आपको सबसे पहले खुद को पॉजिटिव रखने की जरूरत है। जब आप खुद पॉजिटिव रहेंगे तो अपने आप ही धैर्य आएगा। अगर आप नेगेटिव रहेंगे तो इससे आपको किसी भी चीज रिएक्ट करने में देर नहीं लगेगी आप चिल्ला भी सकते हैं जिसका असर साफ तौर पर बच्चों में देखनेको मिलता है।

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