श्री कृष्ण जन्म स्थान मथुरा में श्री कृष्ण जन्माष्टमी सबसे हरकर छटा देखने को मिलती है।इस पर्व के विशेष धार्मिक मान्यता है और भक्त पुरे मनोभाव से इस दिन कृष्ण की पूजा आराधना करते हैं। इस साल 26 अगस्त के सोमवार के दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है। पंचांग के अनुसार ,हर साल भाद्रपद्र माह के कृष्ण पक्ष की इस तिथि पर जन्माष्टमी मनाई जाती है।
जन्माष्टमी की अवसर पर राधा कृष्ण सोम चंद्रिका पोशाक धारण करते हैं। इस पोशाक की क्या खासियत है और कैसे दिखेंगे भगवान यहां जाने।
मथुरा में श्री कृष्ण जन्माष्टमी राधा और कृष्ण सोमचंद्रिका पोशाक धारण किये नजर आने वाले है इस पोशाक के साथ ही श्री कृष्णा नवरत्न जड़ित स्वर्ण कंथा धारण जारी किए दिखेंगे। इस पोशाक का दिव्य माना जाता है और यह पोशाक 25 अगस्त को होने वाली शोभा यात्रा में ठाकुर जी के समक्ष अर्पित की जाएगी। शोभा यात्रा भव्य होती है। शोभायात्रा में घंटे -घड़ियालों के साथ मृदंग और डमरू की ध्वनि कानों में पड़ती है।
जन्माष्टमी पर गर्भ में विराजमान चतुर्भुज नारायण के श्री विग्रह की पोशाक भी बेहद विशिष्ट होने वाली है। इस पोषक जरजोड़ि का कार्य ,रेशम जारी और रत्न आदि जड़े होंगे। साथ ही वस्त्र सिल्क का होगा जिस पर यह काम का होने वाला है। ठाकुर जी जन्माष्टमी पर विशेष रूप सजाया जाएगा। श्री कृष्णा दिव्य मुकुंद धारण किए नजर आएंगे और भक्तों को दर्शन देंगे।
जन्माष्टमी की अवस्था में 26 अगस्त की सुबह शहनाइऔर नंगाड़ों से श्री कृष्ण के मंगल आरती की जाएगी। आरती सुबह 5:30 की करीब होग। सुबह 8:00 भगवान श्री कृष्ण का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा ,इसके बाद 9:00 बजे के करीब पुष्पांजलि और जन्माष्टमी का कार्यक्रम होगा। यह कार्यक्रम अलौकिक दिखाई पड़ता है। श्री कृष्ण जन्म महाभिषेक की रात के समय 11:00 श्री गणेश नवग्रह पूजन के साथ आरंभ होगा।