प्रत्येक पशुपालक चाहता है की उसकी गाय ,भैंस अधिक दूध दे ताकि उसे बेचकर वो अधिक कमाई कर सके। ऐसे में पशुपालक दुधारू पशुओ को अलग अलग तरह के आहार खिलाते है जैसे- खल, सरसों, दलिया आदि। इसी के साथ पशुओं के दूध को बढ़ाने के लिए उन्हें हरा चारा भी खिलाना बेहद जरूरी है।
घास की खेती करके अपने पशुओ के लिए पौष्टिक घास प्राप्त कर सकते हैं
जब हरे चारे की बात आती है सबसे पहले नेपियर घास का नाम आता है। ऐसा इसलिए की घास के पशुओं को खिलाने से उनके दूध देने की क्षमता बढ़ जाती है। खास बात यह है कि इस घास की खेती के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। ऐसे में से पशुपालन करने वाले किसा इस घास की खेती करके अपने पशुओ के लिए पौष्टिक घास प्राप्त कर सकते हैं।
पशुओं के चारे के लिए भी कोई पशुपालन आने नेपियर घास की खेती करता है सरकार की ओर ₹10000 सब्सिडी की दी जाती है। नेपियर घास की खास बात यह है कि इसे एक बार लगाने के बाद कई सालों तक इससे पशुओं के लिए पौष्टिक हरा चारा आसानी से मिलता रहता है। पिछले साल राजस्थान सरकार ने खेतों में घास लगाने के लिए किसानों को सब्सिडी दी थी जिसका परिणाम अब सामने आने लगा है। किसानों के खेतों में नेपियर घास तैयार हो गई है।
पिछले साल विभाग द्वारा सब्सिडी पर नेपियर घास लगाई गई थी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोसा की कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने बताया ने बालाजी क्षेत्र के सुरैर गांव में किसान हजारीलाल मीणा द्वारा कृषि विभाग की की ओर से दिए गए अनुदान की सहायता से की गई नेपियर घास की खेती का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पिछले साल विभाग द्वारा सब्सिडी पर नेपियर घास लगाई गई थी जिस पर विभाग की ओर से ₹10000 का अनुदान दिया गया है। पिछले साल सरकारी सब्सिडी पर किसान हजारीलाल मीणा ने दो बीघा भूमि पर नेपियर घास की खेती की थी। इससे रोज घास पशुओं के लिए प्राप्त हो रहा है इसकेसाथ ही किसान हजारीलाल मीणा द्वारा किसानों की खेती के लिए पर घास की कटिंग बेचीं जा रही है। यदि किसान ये घास लगाना चाहते हैं तो वह उनसे उचित दर पर खरीद कर अपने खेत में नेपियर घास लगा सकता इतना ही नहीं उन्होंने आसपास के किसानों को नेपियर घास के बारे में जागरूक कर रहे है ताकि उनके खेतों में भी नेपियर घास लगाई जा सके जिससे उन्हें भी लाभ हो।
दुधारू पशु के लिए कम लागत में हरा चारा प्राप्त कर सकते हैं
यदि आप भी अपने दुधारू पशुओ के लिए नेपियर घास उगाना चाहते हैं तो उसकी कटिंग के माध्यम से लगा सकते हैं। कृषि अधिकारी के अनुसार ,नेपियर घास से दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है और एक बार लगाने के बाद इसे आसानी से कई सालों तक हरा चारा प्राप्त होता रहता है और कटिंग के बाद पुनः फुटान होती रहती है। इस कटिंग को लगाकर के साथ की खेती कर सकते हैं और अपने दुधारू पशु के लिए कम लागत में हरा चारा प्राप्त कर सकते हैं।