जन्माष्टमी खास मौके पर लाखो भक्त देश की अलग-अलग जगह पर स्थित विश्व प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर का दर्शन करने पहुंचते रहते हैं। खासकर मथुरा ,वृंदावन ,द्वारका ,उड़ीसा के पूरी शहर में कुछ अधिक ही भीड़ मौजूद रहती है। राजस्थान में भी एक ऐसा ही कृष्ण मंदिर मौजूद है। इसके बारे में कहा जाता है कि यहां जो जितना देता है उसमें कहीं गुना अधिक पाटा भी है । जन्माष्टमी के मौके पर यहां पर भक्तों की भीड़ लगी रहती है इस आर्टिकल में आपको राजस्थान के मौजूद सांवरिया सेठ मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां अभी परिवार के साथ जन्माष्टमी की मौके पर पहुंच सकते हैं।
राजस्थान में स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर का दर्शन करने पहुंच सकते हैं
अगर आप भी जन्माष्टमी भगवान कृष्ण का दर्शन करना चाहते हैं तो राजस्थान में स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर का दर्शन करने पहुंच सकते हैं। सांवरिया सेठ मंदिर की खासियत बताने से पहले आपको यह बता दें कि यह प्रसिद्ध मंदिर संस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन सेकरीब 41 किमी दूर है। आपकी जानकारी के लिए भी बता दें की राजस्थान की राजधानी जयपुर से यह मंदिर 338 किलोमीटर और उदयपुर से 74 किलोमीटर है। आपको बता दें कि मंदिर के पास सबसे पास में उदयपुर एयरपोर्ट है।
सांवरिया सेठ मंदिर का इतिहास कई तथ्यों से जुड़ा हुआ है
सांवरिया सेठ मंदिर का इतिहास कई तथ्यों से जुड़ा हुआ है। इस मंदिर को लेकर कहीं मिथ भी है। इस मंदिर को लेकर के लोगों की मान्यता है है कि करीब 450 साल पुराना माना जाता है। वहीं कुछ लोगों की मान्यता है कि सांवरिया सेठ मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी के आसपास किया था । कुछ लोगों को मानना है कि 1840 के आसपास भोलाराम गुर्जर नाम के एक ग्वाला ने यहां कृष्ण की मूर्ति देखी, जिसके बाद आसपास के लोग पूजा पाठ करने लेंगे।
जन्माष्टमी की मौके पर यह मंदिर जीवंत हो उठता है
सांवरिया सेठ मंदिर से जुड़े कहीं महत्व जुड़े हुए है। इस पवीत्र मंदिर के बारे में कहा जाता है कि मंदिर में जितना दान करते है उसे कई गुना अधिक फल के रूप में प्राप्त करता है। जी हाँ ,इस मंदिर की भंडारे के बारे में कहा जाता है कि कुछ महीने पहले ही दान पात्र खोला गया था तो गिनती करने में लगभग 5 दिन लग गई थी। यहां पैसे के अलावा सोना और चांदी भी दान पात्र में दिए जाते है। सांवरिया सेठ मंदिर भक्तो के लिए खास माना जाता है। यह मंदिर न केवल पूजा का स्थान हैबल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संवर्धन का भी स्थान है। जन्माष्टमी की मौके पर यह मंदिर जीवंत हो उठता है।
इस मंदिर को फूलों से भी सजा दिया जाता है
जन्माष्टमी के मौके पर इस मंदिर को फूलों से भी सजा दिया जाता है। इस मौके पर सुबह से लेकर शाम तक कीर्तन और भजन होते रहते हैं। जन्माष्टमी के लिए राजस्थान के हर शहर से भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं। चित्तौड़गढ़ में सांवरिया सेठ मंदिर का दर्शन करने के बाद इस शहर में मौजूद के प्रसिद्ध जगह को एक्सप्लोर कर सकते हैं। जैसे-चित्तौड़गढ़ फोर्ट, फतेह प्रकाश पैलेस, राणा कुंभा पैलेस, गोमुख कुंड, सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य और विजय स्तंभ जैसी शानदार जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। चित्तौड़गढ़ में आप ऊंट सवारी का भी लुत्फ उठा सकते हैं।