धान खरीद की प्रमुख फसल है। लेकिन पानी की अधिक खपत के कारण धान की खेती में कमी आ रही है। गिरते भू जलस्तर को देखकर सरकार भी किसानों को धान की खेती को छोड़कर अन्य फसलों के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस कड़ी में राज्य सरकार धान की खेती करने वाले किसानों को भी प्रति एकड़ ₹4000 की दर से आर्थिक सहायता दे रही है यह सहायता या अनुदान सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो डीएसआर मशीन से धान की खेती कर रहे हैं जिन किसानों ने डीएसआर मशीन की सहायता से अपने खेत में धान की बुआई की है वे ही इस योजना के पात्र होंगे। लेकिन ऐसे किसानों को रजिस्ट्रेशन करना होगा तभी उन्हें अनुदान का लाभ मिलेगा।
डीएसआर मशीन से धान की खेती करने वाले किसानों के लिए योजना चलाई जा रही है
राज्य सरकार की ओर से डीएसआर मशीन से धान की खेती करने वाले किसानों के लिए योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसान को धान की सीधी बुवाई में डीएसआर मशीन का उपयोग करना है। DSR मशीन की खास बात यह है कि इस मशीन से बिना जुताई किए खेत में धान की सीधी बुवाई करने से पानी की बचत होती है और पैदावार भी बेहतर होती है। इस समय हरियाणा सरकार ने योजना शुरू की है जो किसान डीएसआर मशीन की सहायता धन की बुवाई कर रहे हैं उन्हें ₹4000 प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा ये राशि सीधी उनके खाते में ट्रांसफर होगी।
डीएसआर मशीन से बुवाई करने पर समय व पैसे दोनों की बचत होती है इसके अलावा इस तकनीक सिद्धांत करने पर 30 से 32% पानी की बचत की जा सकती है। खास बात यह है कि एक मशीन कई मजदूर का काम खुद कर लेती है। ऐसे में किसान को बुवाई धान की बुवाई करने में काम के लिए मजदूरों की समस्या नहीं होती जबकि धान बुवाई के लिए कई मजदूर की आवश्यकता होती और धान की बुवाई के सीजन में मजदूर भी आसानी से नहीं मिल रहे हैं। ऐसे डीएसआर मशीन की सहायता से किसान धान की बुवाई के काम को आसानी से पूरा करके बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
लाइन से लाइन की दूरी 8 सेमी और उनके बीच की दूरी 2 सेमी होती है
डीएसआर मशीन में पहले लेवल सेट कर दिया जाता है जिसमें लाइन से लाइन की दूरी 8 सेमी और उनके बीच की दूरी 2 सेमी होती है। इसमें जब धान की फसल पकने के लिए तैयार होती है तब लाइन से लाइन में बिजाई होने से इसमें हवा क्रॉस हो जाती है जिसके कारण पौधों में बीमारियां कम होती है और अच्छी पैदावार प्राप्त होती है। इस मशीन से एक एकड़ में धान बुआई करने से 8 से 10 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है इसके साथ ही 50 किलोग्राम डीएपी खाद के एक एकड़ के लिए डाला जाता है। डीएसआर मशीन में अलग-अलग से खाते बने होते हैं जिसमे बीज के लिए अलग-अलग अलग और खाद के लिए अलग खाते बने होते हैं जिसमें खाद और बीज डाला जाता है ।
इस विधि से बीज डेढ़ सेंटीमीटर भूमि के अंदर बोया जाता है और इसके साथ ही खाद डाला जाता है। । इस विधि में बीज के साथ खाद डालने पर पौधों की बढ़वार अच्छी होती है। हरियाणा सरकार की ओर से डीएसआर मशीन के 40% सब्सिडी जाती जो अधिकतम 40000 रुपए तक होती है। इसके लिए समय-समय कृषि विभाग से और और से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।
किसान अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं
हरियाणा के जिन किसानों ने इस बार डीएसआर मशीन का इस्तेमाल करके धान की सीधी बुवाई की है। धान की खेती के लिएप्रति एकड़ ₹4000 सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए प्रदेश के पात्र किसान 18 अगस्त 2024 तक अपना रजिस्ट्रेशन ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा ‘पोर्टल पर करवा सकते हैं जो किसान पहले पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए थे उनके लिए दोबारा से मेरी फसल मेरा पूरा पोर्टल खोल दिया गया है ताकि वे अपना रजिस्ट्रेशन करवा का अनुदान का लाभ प्राप्त कर सके। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।