अब पुलिस की रिपोर्ट में नहीं कर पाएंगे उर्दू -फ़ारसी भाषा उपयोग ,केवल हिंदी में लिखे रिपोर्ट ,ADG का पत्र जारी

Saroj kanwar
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मध्य प्रदेश में पुलिस कार्यवाही में हिन्दू ,फ़ारसी और उर्दू शब्दों के स्थान पर हिंदी शब्दों का उपयोग किया जाएगा। राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पवन श्रीवास्तव ने प्रदेश के सभी जिला पुलिस इकाइयों को स्मरण पत्र भेज कर समस्त कार्यवाही में उर्दू ,फारसी के शब्दों के स्थान पर हिंदी शब्दों के लिए अधिक से अधिक उपयोग की अपेक्षा की।

हिंदी की उपयुक्त शब्द उपलक्ष होने के बाद भी उर्दू फारसी के शब्दों का उपयोग अधिक हो रहा है

उन्होंने लिखा है कि हिंदी की उपयुक्त शब्द उपलक्ष होने के बाद भी उर्दू फारसी के शब्दों का उपयोग अधिक हो रहा है जबकि शासन ने दो वर्ष पहले अपेक्षा की थी हिंदी शब्दों का प्रयोग अधिक हो । उल्लेखनीय है कि पुलिस ने कार्यवाही में उपयोग होने वाले उर्दू ,फारसी के 69 शब्दों की जगह सरल हिंदी के शब्द सुझाये थे।

दफा ,कैदखाना , जरायम , इत्तिला ,इमदाद, खून आलूदा जैसे कई ऐसे उर्दू और फारसी के शब्द जिन्हें पुलिस प्राथमिक से लेकर बयान और चालान तक में आज भी उपयोग करती है। पुलिसकर्मी या पेशेवर वाले लोग तो इसका अर्थ समझ लेते हैं पर शिकायत कर्ता या आरोपित को इस शब्दों का अर्थ पता करने में पसीना आ जाता है।

उर्दू -फारसी की जगह पुलिस को हिंदी के सरल शब्दों का उपयोग करना चाहिए

अंग्रेजों के जमाने में इन शब्दों का चलन और और सरल हिंदी शब्द उपलब्ध होने के बाद ही पुलिस परंपराओं को ढोती आ रही है। वर्ष 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि वह उर्दू -फारसी की जगह पुलिस को हिंदी के सरल शब्दों का उपयोग करना चाहिए इसके बाद गृह विभाग ने इस पर अमल के आदेश जारी किए थे पर अधिकतर जगह पुलिस की सुस्ती दिखा रही थी।

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