OPS- सरकारी पेंशन पर महत्वपूर्ण अपडेट, क्या पुरानी पेंशन योजना वापस आएगी?

Saroj kanwar
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ओपीएस: देशभर में बड़ी संख्या में कर्मचारी केंद्र और राज्य सरकारों से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की अपील कर रहे हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्यों ने पहले ही ओपीएस को फिर से लागू कर दिया है। लेकिन क्या केंद्र सरकार भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और एकीकृत पेंशन प्रणाली (यूपीएस) को खत्म करके पूरे देश में ओपीएस लागू करने पर विचार कर रही है? यह सवाल सोमवार, 15 दिसंबर, 2025 को संसद में वित्त मंत्रालय से पूछा गया।

क्या सरकार एनपीएस और यूपीएस को ओपीएस से बदलने की योजना बना रही है?
सांसद एंटो एंटनी, अमरा राम, उत्कर्ष वर्मा मधुर और इमरान मसूद के सवालों के जवाब में वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, ‘सरकार की फिलहाल राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) या एकीकृत पेंशन प्रणाली (यूपीएस) के तहत आने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की कोई योजना नहीं है।’
भारत की सबसे पुरानी पेंशन योजना ओपीएस है। यह एक निश्चित लाभ मॉडल पर आधारित है, जिसमें प्रत्येक वेतन आयोग के समय पेंशन राशि समायोजित की जाती है। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2004 को ओपीएस को बंद कर दिया और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) शुरू की, जो एक निश्चित अंशदान योजना है।

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूपीएस भी शुरू किया, जिसे वे 1 अप्रैल, 2025 से चुन सकते थे। यह प्रणाली ओपीएस और एनपीएस दोनों के तत्वों को मिलाकर बनाई गई है, जो कर्मचारियों को 10 साल की सेवा के बाद कम से कम 10,000 रुपये की पेंशन की गारंटी देती है। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार ने एनपीएस ग्राहकों को 30 नवंबर, 2025 की अंतिम तिथि तक एनपीएस और यूपीएस के बीच स्विच करने की अनुमति दी।

राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम 2013 (पीएफआरडीए) (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत निकास और निकासी) विनियम, 2015 और अन्य संबंधित नियमों के अनुसार, इस तरह के बदलाव का कोई प्रावधान नहीं है।

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