करदाताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण खबर। केवल 3 दिन बचे हैं। कर संबंधी यह अत्यावश्यक कार्य इस समय सीमा के भीतर पूरा करना होगा। आयकर विभाग के नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, अग्रिम कर की तीसरी किस्त जमा करने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर है।
यदि आप इस अवधि के भीतर कर जमा नहीं करते हैं, तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
केंद्र सरकार ने करदाताओं को चेतावनी दी है कि यदि अग्रिम कर नियत तिथि तक जमा नहीं किया जाता है, तो आयकर अधिनियम के तहत ब्याज और जुर्माना दोनों का भुगतान करना होगा। इसलिए, अंतिम समय की हड़बड़ी से बचने के लिए, अभी अपने कर की गणना कर लें।
अग्रिम कर क्या है और इसका भुगतान क्यों किया जाता है?
आम तौर पर हम जानते हैं कि आयकर रिटर्न दाखिल करते समय, वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद कर का भुगतान करना होता है। लेकिन आयकर अधिनियम के नियमों के अनुसार, कर की राशि एकमुश्त भुगतान करने के बजाय किश्तों में जमा करने का विकल्प होता है, जिसे ‘आय के अनुसार भुगतान’ या ‘आय के अनुरूप भुगतान’ कहा जाता है। यही अग्रिम कर है। हालांकि, ध्यान रखें कि यह नियम सभी करदाताओं पर लागू नहीं होता है। इस नियम का पालन केवल तभी करना होता है जब आय की एक निश्चित सीमा पार हो जाती है।
यह अग्रिम कर किसे देना होता है?
आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, अग्रिम कर भुगतान के लिए कुछ शर्तें हैं। इनका विवरण नीचे दिया गया है:
10,000 रुपये का नियम: यदि करदाता द्वारा टीडीएस काटने के बाद देय कुल कर 10,000 रुपये या उससे अधिक है, तो उसे अग्रिम कर का भुगतान करना होगा।
आय का स्रोत: कोई भी व्यक्ति – वेतनभोगी कर्मचारी, व्यवसायी या पेशेवर – इस नियम के अंतर्गत आ सकता है यदि उसकी कर राशि निर्धारित सीमा से अधिक हो।
तीसरी किस्त: चालू वित्तीय वर्ष (2025-26 मूल्यांकन वर्ष) के लिए कुल अनुमानित कर का कम से कम 75 प्रतिशत 15 दिसंबर तक जमा करना अनिवार्य है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष छूट
आयकर अधिनियम में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ राहत प्रदान की गई है। यदि किसी वरिष्ठ नागरिक की आय व्यवसाय या पेशे से नहीं होती है, यानी वे केवल पेंशन या ब्याज पर निर्भर हैं, तो उन्हें अग्रिम कर जमा करने की आवश्यकता नहीं है। वे वर्ष के अंत में रिटर्न दाखिल करते समय संपूर्ण कर का भुगतान कर सकते हैं।
जुर्माने से बचने के लिए क्या किया जा सकता है?
यदि 15 दिसंबर की समय सीमा चूक जाती है, तो आयकर विभाग सख्त कार्रवाई कर सकता है।
विषय विवरण
समय सीमा: 15 दिसंबर, 2025
देय कुल कर का 75 प्रतिशत
जुर्माना: निश्चित ब्याज दर पर जुर्माना
आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार, यदि आप 15 दिसंबर तक अपना कर जमा करना भूल जाते हैं, तो बाद में रिटर्न दाखिल करते समय आपको बकाया कर पर मासिक आधार पर ब्याज की गणना करनी होगी। यहां तक कि यदि आप पूरा कर चुका देते हैं, तब भी आपको इस ब्याज से छूट नहीं मिलेगी। इसलिए, अनावश्यक वित्तीय नुकसान से बचने के लिए, 15 दिसंबर से पहले अपना बकाया अग्रिम कर चुका दें।
नोट: यह रिपोर्ट केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। कर संबंधी किसी भी अंतिम निर्णय के लिए अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट या कर सलाहकार से परामर्श लें।