यदि भुगतान एक दिन भी देरी से होता है, तो क्या इसका आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव पड़ेगा?

Saroj kanwar
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डिजिटल बैंकिंग के इस दौर में, आपका क्रेडिट स्कोर एक अहम कारक बन गया है, जिससे कोई भी वित्तीय कार्य करना मुश्किल हो गया है। चाहे लोन स्वीकृत करवाना हो, नया क्रेडिट कार्ड लेना हो, या अपने बैंक से कोई विशेष लाभ प्राप्त करना हो, आपका स्कोर आपकी विश्वसनीयता साबित करता है। यही कारण है कि लोग भुगतान छूटने से बचने के लिए अपनी मासिक देय तिथियों के प्रति सतर्क रहते हैं।
क्या भुगतान में एक दिन की देरी वाकई आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करती है?

कई लोग सोचते हैं कि क्या क्रेडिट कार्ड भुगतान में एक दिन की देरी होती है या लोन की किस्त में एक दिन की देरी होती है। यह सवाल आम है क्योंकि देर से भुगतान आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुँचा सकता है। हालाँकि, राहत की बात यह है कि भारत में ज़्यादातर बैंक और क्रेडिट ब्यूरो 30 दिनों से कम की देरी को देर से भुगतान नहीं मानते।

बैंक की ग्रेस पीरियड कैसे मदद करती है?

अक्सर, बैंक या कार्ड जारीकर्ता कुछ घंटों से लेकर एक दिन तक की छोटी ग्रेस पीरियड देते हैं। अगर आपकी देय तिथि सोमवार थी और आपने मंगलवार को भुगतान कर दिया, तो आमतौर पर इसे देर से भुगतान नहीं माना जाता। हालाँकि, यह पूरी तरह से बैंक की आंतरिक नीति पर निर्भर करता है, इसलिए देय तिथियों और ग्रेस पीरियड के बारे में अपने बैंक के नियमों को जानना ज़रूरी है।
एक दिन की देरी आपके स्कोर को क्यों प्रभावित नहीं करती

आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में केवल 30 दिन या उससे ज़्यादा समय से लंबित भुगतान में देरी ही दिखाई देती है। इसका मतलब है कि अगर भुगतान में सिर्फ़ 24 घंटे की देरी होती है, तो इसका आपके स्कोर पर सीधा असर नहीं पड़ता। इस देरी का कोई रिकॉर्ड रिपोर्ट में नहीं जोड़ा जाता।

विलंब शुल्क लागू हो सकता है

हालांकि इससे आपके स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन बैंक एक दिन की भी देरी के लिए विलंब शुल्क लगा सकते हैं। ये शुल्क आमतौर पर ज़्यादा नहीं होते, लेकिन अगर ये बार-बार लगते हैं, तो ये एक बड़े खर्च का रूप ले सकते हैं और आपकी वित्तीय आदतों पर सवाल उठा सकते हैं।

क्रेडिट स्कोर कब गिरता है

जब भुगतान 30 दिन या उससे ज़्यादा समय तक लंबित रहते हैं, तो क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है। अगर देरी 60 या 90 दिनों तक हो जाती है, तो इसे एक गंभीर चूक माना जाता है और इससे आपके स्कोर में काफ़ी गिरावट आ सकती है। इससे भविष्य में लोन मंज़ूरी या कार्ड लिमिट बढ़ाने में मुश्किलें आ सकती हैं।

देरी से बचने का आसान तरीका

अगर आपको देय तिथियाँ याद रखने में परेशानी होती है, तो आप अपने बैंक खाते में ऑटो-डेबिट या स्थायी निर्देश सेट कर सकते हैं। यह सुविधा देय तिथि पर स्वचालित रूप से भुगतान कर देती है, जिससे गलतियों के कारण देरी की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है।

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