ई-नाम प्लेटफॉर्म: किसानों को डिजिटल तकनीक से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। ई-नाम भी उन्हीं में से एक है। इस योजना के ज़रिए किसान अपनी फसल ऑनलाइन बेच सकते हैं। इससे उन्हें अपनी फसल का अच्छा दाम मिल सकता है और उन्हें मंडियों के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
ई-नाम क्या है?
आपको बता दें कि ई-नाम एक तरह का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसके ज़रिए किसान देश के कोने-कोने में बैठे व्यापारी को अपनी फसल बेच सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म पर देश की सभी मंडियों को एक साथ जोड़ा गया है। इससे किसानों को अपनी फसल का अच्छा दाम मिलता है।
ई-नाम योजना के क्या लाभ हैं?
किसानों को अपनी फसलों के अच्छे दाम मिलते हैं क्योंकि उन्हें देश भर के व्यापारियों से बोलियाँ मिल सकती हैं।
मंडी जाकर किसानों का समय और पैसा बचता है। ई-नाम पूरी तरह से पारदर्शी है, इसलिए किसानों को धोखाधड़ी का सामना नहीं करना पड़ता।
किसान घर बैठे अपने कंप्यूटर से अपनी फसल बेच सकते हैं।
ई-नाम ऐप का उपयोग कैसे करें
सबसे पहले, किसानों को ई-नाम पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
पंजीकरण के बाद, किसानों को अपनी फसल आदि के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी।
इसके बाद, किसान अपनी फसल की नीलामी कर सकते हैं।
साथ ही, अगर कोई व्यापारी किसान की फसल खरीदने की सोचता है, तो वह ऑनलाइन बोली लगाता है।
फसल बिकने के बाद, भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में किया जाता है।
इन दस्तावेज़ों की होगी ज़रूरत
इन दस्तावेज़ों की बात करें तो आधार कार्ड, बैंक खाते का विवरण, ज़मीन के दस्तावेज़, फसल उत्पादन प्रमाण पत्र आदि जैसी जानकारी उपलब्ध होगी। अधिक जानकारी के लिए आप ई-नाम पोर्टल पर जा सकते हैं।