SBI, PNB, BOB बैंक अपडेट: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए अगले बड़े विलय की योजना शुरू हो गई है। वित्त मंत्रालय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया के विलय पर विचार कर रहा है। अगर इस प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल जाती है, तो देश में SBI के बाद दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक होगा। इस बार, सरकार सिर्फ़ विलय तक सीमित नहीं रहना चाहती; वह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की व्यवस्था, कार्यप्रणाली और नियंत्रण में बदलाव के लिए भी कदम उठा रही है। अब सवाल यह उठता है कि किस बैंक का किस बैंक में विलय हो सकता है?
किस बैंक का किस बैंक में विलय होगा?
सरकार बाकी बचे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय करके बड़े बैंक बनाना चाहती है।
पहला विकल्प छोटे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र) का बैंक ऑफ इंडिया में विलय करना है। बैंक ऑफ इंडिया इस समूह में सबसे बड़ा है (जिसका बहीखाता आकार 6 लाख करोड़ या उससे अधिक है)।
दूसरा विकल्प
बैंकों का विलय तकनीक या क्षेत्र के आधार पर किया जा सकता है। -यूको बैंक और सेंट्रल बैंक -पंजाब नेशनल बैंक
-बैंक ऑफ इंडिया -यूनियन बैंक
-इंडियन ओवरसीज बैंक -इंडियन बैंक
तीसरा विकल्प – यदि लक्ष्य केवल “आकार” है, तो बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक का विलय सबसे अच्छा विकल्प है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बैंक विलय योजना के दूसरे चरण में, इंडियन ओवरसीज़ बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) जैसे बड़े बैंकों के साथ विलय किया जा सकता है।
2017 में, SBI के पाँच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में विलय कर दिया गया था।
2019 में, विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय कर दिया गया था।
2020 में, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में विलय कर दिया गया था।