केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए 1 नवंबर से 30 नवंबर तक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने हेतु एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस वार्षिक सत्यापन के माध्यम से, लाखों पेंशनभोगी समय पर पेंशन भुगतान सुनिश्चित करने के लिए अपनी पहचान ऑनलाइन सत्यापित करते हैं।
जीवन प्रमाण पत्र एक डिजिटल दस्तावेज़ है जो इस बात की पुष्टि करता है कि पेंशनभोगी जीवित है और अपनी पेंशन प्राप्त करने का हकदार है। यह प्रक्रिया हर साल नवंबर में अनिवार्य होती है। डिजिटलीकरण ने जहाँ बैंक या डाकघर जाने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है, वहीं साइबर अपराध, पहचान की चोरी और धोखाधड़ी वाले कॉल के मामलों में भी चिंताजनक वृद्धि हुई है। इस खतरे को देखते हुए, पेंशन विभाग ने महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय जारी किए हैं।
जीवन प्रमाण पत्र क्या है और यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है
जीवन प्रमाण पत्र, आधार-आधारित तकनीक का उपयोग करके घर बैठे पेंशन जमा करने की असाधारण सुविधा प्रदान करता है। पेंशनभोगियों को हमेशा याद रखना चाहिए कि आधार फेस आरडी ऐप, इंडिया पोस्ट ऐप और आधिकारिक पोर्टल jeevanpramaan.gov.in ही एकमात्र अधिकृत प्लेटफ़ॉर्म हैं जिनके माध्यम से वे सुरक्षित रूप से अपने प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।
साइबर हमलों से बचने के लिए 5 ‘तेज़-तेज़’ सुरक्षा सुझाव
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने पेंशनभोगियों को धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाने के लिए ये आवश्यक सुरक्षा उपाय जारी किए हैं।
केवल अधिकृत प्लेटफ़ॉर्म पर ही डीएलसी जमा करें
विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि पेंशनभोगी अपने जीवन प्रमाण पत्र केवल पंजीकृत डीएलसी (डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र) प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ही जमा करें। किसी भी तृतीय-पक्ष एजेंट या अज्ञात ऐप के माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा करना बेहद खतरनाक हो सकता है। ऐसे अनधिकृत प्लेटफ़ॉर्म आपकी गोपनीय जानकारी चुरा सकते हैं।
अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें
साइबर अपराधी अक्सर ओटीपी, आधार नंबर और बैंक विवरण चुराने की कोशिश करते हैं। इसलिए, अपना मोबाइल नंबर, आधार नंबर या पीपीओ नंबर किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ साझा न करें। पेंशनभोगियों को हमेशा याद रखना चाहिए कि सरकारी विभाग कभी भी फ़ोन कॉल या ईमेल पर पासवर्ड, ओटीपी या पिन नहीं मांगते हैं। अगर कोई बैंक या सरकारी अधिकारी बनकर यह जानकारी मांगता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
नकली कॉल और संदेशों से सावधान रहें
साइबर अपराधी अक्सर सरकारी कर्मचारी बनकर फ़ोन करते हैं। अगर वे आपको यह कहकर धमकाते हैं, “आपका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट नहीं है और आपकी पेंशन रोक दी जाएगी,” तो सावधान हो जाइए। सबसे पहले, ऐसे संदेशों या ईमेल की आधिकारिक प्राधिकारी से पुष्टि करें। किसी भी फर्जी लिंक पर क्लिक न करें, क्योंकि इससे डेटा चोरी हो सकता है।
सुरक्षित डिवाइस और इंटरनेट का इस्तेमाल करें
डीएलसी जमा करते समय सुरक्षित डिवाइस और इंटरनेट का इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है। अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर नवीनतम एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर और अपडेट रखें। सुरक्षित इंटरनेट एक्सेस का इस्तेमाल करें और सार्वजनिक वाई-फ़ाई से पूरी तरह बचें, क्योंकि सार्वजनिक नेटवर्क साइबर हमलों का सबसे आसान ज़रिया होते हैं।
संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें
अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल आए, कोई अनजान लॉगिन दिखाई दे, या कोई बैंक/सरकारी अधिकारी बनकर आपसे ओटीपी मांग रहा हो, तो तुरंत इसकी सूचना दें। अपने बैंक को घटना की सूचना दें और राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर भी शिकायत दर्ज करें। तुरंत कार्रवाई करने से आपका नुकसान कम हो सकता है।