UPI सीमा आपके बैंक द्वारा निर्धारित की जाती है, ऐप्स द्वारा नहीं: आज ही अपनी वास्तविक दैनिक और लेन-देन सीमा जानें

Saroj kanwar
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यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने हमारे लेन-देन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूपीआई के ज़रिए पैसे भेजने की अधिकतम सीमा आपके पसंदीदा ऐप्स जैसे गूगल पे, फोनपे या पेटीएम द्वारा नहीं, बल्कि सीधे आपके बैंक द्वारा तय की जाती है। लाखों उपयोगकर्ता अपने बैंक की वास्तविक सीमा से अनजान हैं, जिसके कारण उनके लेन-देन आपातकालीन स्थितियों में विफल हो जाते हैं। ऐप्स केवल आपके बैंक द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर ही भुगतान की अनुमति देते हैं। इस गूगल सर्च-फ्रेंडली लेख में, हम बताएंगे कि अपनी बैंक सीमा की पहचान कैसे करें, इसके कम होने के कारण क्या हैं, और बिना किसी रुकावट के बड़े भुगतान करने के लिए इसे आसानी से कैसे बढ़ाएँ।

अपनी यूपीआई बैंक सीमा को गहराई से समझें

प्रत्येक बैंक अपने जोखिम प्रोफ़ाइल, ग्राहक के पिछले लेन-देन इतिहास और उपयोगकर्ता गतिविधि के आधार पर UPI लेनदेन सीमा निर्धारित करता है। यह सीमा पूरी तरह से सुरक्षा और विश्वास के आधार पर, हर व्यक्ति में भिन्न हो सकती है। अपनी बैंक सीमा जानने के लिए, आपको अपने बैंक के आधिकारिक मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के UPI या फ़ंड ट्रांसफ़र सेक्शन में जाना होगा। आपको वहाँ अपनी दैनिक और प्रति-लेनदेन सीमाएँ स्पष्ट रूप से दिखाई देंगी।

कभी-कभी आपकी UPI सीमा अचानक कम हो जाती है। इसके कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा कारण हो सकते हैं, जैसे: आपने हाल ही में अपना फ़ोन या सिम बदला है, अपना UPI पिन रीसेट किया है, या बैंक ने धोखाधड़ी रोकने के लिए सुरक्षा अवरोध लगाया है। ऐसी स्थितियों में, बैंक आपकी सीमा अस्थायी रूप से कम कर देता है।

अपनी UPI सीमा बढ़ाने की एक सरल प्रक्रिया
यदि आपको किसी तात्कालिक आवश्यकता के कारण अपनी UPI सीमा बढ़ाने की आवश्यकता है, तो यह प्रक्रिया सीधे बैंक से जुड़ी होती है और इसे कुछ ही चरणों में पूरा किया जा सकता है। सबसे पहले, आपको अपने बैंक के आधिकारिक मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर सुरक्षित रूप से लॉग इन करना होगा। अधिकांश बैंक ऐप में “UPI प्रबंधित करें” या “UPI सीमा प्रबंधित करें” नामक एक स्पष्ट विकल्प होता है। आपको इस विकल्प पर जाकर अपनी मौजूदा सीमा में वृद्धि का अनुरोध करना होगा।
बैंक आपके अनुरोध की पूरी तरह से समीक्षा करेगा और सुरक्षा मानकों के स्वीकृत होने के बाद, आपकी बढ़ी हुई सीमा ऐप में तुरंत अपडेट कर दी जाएगी। हालाँकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि अगर बैंक ने सख्त जोखिम नीति लागू की है, तो सीमा तुरंत नहीं बढ़ाई जा सकती। ऐसे मामलों में, बैंक कुछ घंटे ले सकता है या अस्थायी रूप से सीमा बढ़ाने से इनकार भी कर सकता है।

प्रतिबंध क्यों लगाए जाते हैं
बैंक धोखाधड़ी और अनधिकृत लेनदेन को रोकने के लिए उच्च-मूल्य वाले भुगतानों पर अस्थायी सीमाएँ लगाते हैं। यह एक एहतियाती उपाय है। अगर आपने हाल ही में कोई नया डिवाइस या नया लाभार्थी जोड़ा है, तो बैंक कुछ समय के लिए कम सीमा लागू करता है। यह एक कूलिंग-ऑफ अवधि होती है, जिसके बाद सीमा बढ़ा दी जाती है।

त्योहारों या विशेष प्रचार अवधि के दौरान, सुरक्षा जोखिमों के कारण सामान्य UPI सीमाएँ भी अस्थायी रूप से कम की जा सकती हैं। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय है जो आपके पैसे को सुरक्षित रखता है।

बड़े भुगतानों के लिए सबसे स्मार्ट विकल्प
अगर आप UPI ऐप के ज़रिए अपनी सीमा नहीं बढ़ा पा रहे हैं और आपको तुरंत बड़ी रकम भेजनी है, तो चिंता न करें। आपके पास हमेशा बेहतरीन विकल्प मौजूद हैं। UPI ऐप्स इस्तेमाल करने के बजाय, सीधे अपने बैंक के ऐप या इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें। कभी-कभी, सीधे अपने बैंक के ज़रिए लेन-देन करना ज़्यादा सुविधाजनक और परेशानी मुक्त होता है।

IMPS/RTGS का इस्तेमाल
बड़ी रकम भेजने के लिए, आप नेट बैंकिंग के ज़रिए IMPS (तत्काल भुगतान सेवा) या RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) जैसी सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन माध्यमों में UPI की तुलना में लेन-देन की सीमा बहुत ज़्यादा होती है, जिससे आपको बिना किसी परेशानी के बड़े भुगतान करने की आज़ादी मिलती है।

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